Swami Prasad Maurya Makes Controversial Remarks Again on Hinduism: समाजवादी पार्टी के नेता और पूर्व मंत्री स्वामी प्रसाद मौर्या ने एक बार फिर विवादित बयान दिया है। उन्होंने कहा, 'हिंदू एक धोखा है, भ्रम है। उन्होंने आगे राष्ट्रीय स्वयं सेवक (RSS) प्रमुख मोहन भागवत और प्रधान मंत्री मोदी द्वारा दिए गए बयानों का संदर्भ दिया। कहा कि मोहन भागवत दो बार कह चुके हैं कि हिंदू नाम का कोई धर्म नहीं है। बल्कि यह जीने का तरीका है। पीएम मोदी भी कह चुके हैं कि यहां कोई हिंदू धर्म नहीं है। जब ये लोग ऐसे बयान देते हैं किसी की भावनाएं आहत नहीं होती है, लेकिन अगर स्वामी प्रसाद मौर्या भी यही कहते हैं तो अशांति फैलती है।'
बेचा जा रहा देश, युवा हो रहे बेरोजगार
स्वामी प्रसाद ने आरक्षण के मुद्दे पर भी बयान दिया। उन्होंने मीडिया से बातचीत में कहा कि आज संविधान खतरे में है। एससी, एसटी और ओबीसी को दिए गए आरक्षण के अधिकार से उन्हें जानबूझकर वंचित किया जा रहा है। देश बेचा जा रहा है और देश के युवाओं को रोजगार से वंचित किया जा रहा है।
समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव ने रविवार को पार्टी नेताओं से विवादित बयान देने से बचने की नसीहत दी थी। इसके बावजूद स्वामी प्रसाद मौर्या ने फिर विवादित बयान दिया। वह दिल्ली में सोमवार को जंतर-मंतर पर मिशन जय भीम की तरफ से आयोजित राष्ट्रीय बौद्ध एवं बहुजन अधिकार सम्मेलन में बोल रहे थे।
अखिलेश यादव ने क्यों दी थी नसीहत?
लखनऊ में रविवार को ब्राह्मण समाज पंचायत सम्मेलन हुआ। जिसमें अखिलेश यादव भी पहुंचे थे। अखिलेश के सामने स्वामी प्रसाद मौर्या के बयानों का मुद्दा उठा। हिंदू धर्म और श्रीरामचरितमानस को लेकर स्वामी प्रसाद की विवादित टिप्पणी पर जताई। पदाधिकारियों ने इस तरह के बयानों पर रोक लगाने की मांग की। अखिलेश यादव ने पदाधिकारियों को आश्वासन दिया था कि अंकुश लगाया जाएगा। उन्होंने नेताओं से कहा था कि वे जाति-धर्म को लेकर टिप्पणी न करें। लेकिन इसका असर स्वामी प्रसाद मौर्या पर होता नजर नहीं आया।
विवादित बयानों को लेकर चर्चा में बने रहते हैं स्वामी प्रसाद
स्वामी प्रसाद मौर्या अक्सर अपने विवादित बयानों को लेकर चर्चा में रहते हैं। डीएमके नेता उदयनिधि स्टालिन के सनातन धर्म पर विवादित टिप्पणी करने के बाद स्वामी प्रसाद मौर्या ने सनातन धर्म को ढोंग बताया था। उन्होंने कहा था कि मां के पेट से पैदा होना यही धर्म है। यही सनातन है। सनातन ढोंग, ढकोसला या पाखंड नहीं हो सकता है। स्वार्थ में बनाई गई रीति-नीति सनातन नहीं हो सकती है। हमारा सनातन विज्ञान पर आधारित है और आपका सनातन धोखे-झूठ और फरेब पर आधारित है। इससे पहले उन्होंने श्रीरामचरित मानस पर सवाल उठाए थे। इसके बाद उन पर एफआईआर भी हुई थी।