Swati Maliwal: दिल्ली से सटे शंभू बॉर्डर और खनौरी बॉर्डर पर बैठे किसानों पर पंजाब सरकार ने बुल्डोजर चलवा दिया और किसानों को बॉर्डर से हटा दिया गया। पंजाब सरकार ने किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल समेत 200 से ज्यादा किसानों को हिरासत में ले लिया। इस कार्रवाई से पंजाब के किसान पंजाह सरकार से नाराज हैं, तो वहीं राज्यसभा सांसद स्वाति मालीवाल ने भी कड़े तेवर दिखाए हैं। स्वाति मालीवाल ने इस कार्रवाई के लिए अरविंद केजरीवाल को जिम्मेदार ठहराया है। उन्होंने कहा कि इस कार्रवाई का मकसद हाईवे खुलवाने का नहीं बल्कि राज्यसभा के लिए अपना रास्ता खोलने का है। मालीवाल ने कहा कि ये केजरीवाल के गुस्से और बदले की भावना का उदाहरण है।
स्वाति मालीवाल ने शेयर किया वीडियो
स्वाति मालीवाल ने अपने एक्स अकाउंट पर एक वीडियो शेयर किया, जिसमें किसानों के तंबुओं पर बुलडोजर चलता नजर आ रहा था। इस वीडियो को शेयर करते हुए मालीवाल ने लिखा 'किसानों पर देर रात अत्याचार हुआ। इसका मकसद हाईवे खुलवाना बताया जा रहा है। हालांकि ये हाईवे खुलवाने के लिए नहीं बल्कि अरविंद केजरीवाल के लिए राज्यसभा का रास्ता खोलने का है! उन्हें लगता है कि ऐसा करने से लुधियाना का व्यापारी खुश हो जाएगा, चुनाव जीत जाएंगे और संजीव अरोड़ाकी राज्यसभा सीट खाली हो जाएगी।
किसानों पर देर रात हुए अत्याचार का मक़सद Highway खुलवाना नहीं, केजरीवाल जी के लिए राज्यसभा का रास्ता खोलने का है! केजरीवाल जी को लगता है ऐसा करने से लुधियाना का व्यापारी खुश होगा, चुनाव जीतेंगे और अरोड़ा जी की राज्यसभा सीट ख़ाली होगी।
— Swati Maliwal (@SwatiJaiHind) March 20, 2025
जब किसान दिल्ली बैठे थे तब पंजाब में चुनाव… pic.twitter.com/zPKFpxg0Um
जब किसान दिल्ली में अनशन कर रहे थे, तब पंजाब में चुनाव भी आने वाले थे। उस समय किसानों को खुश करने के लिए अरविंद केजरीवाल ने खुद को सेवादार बताया। अब जब किसान पंजाब में बैठे हैं तो केजरीवाल ने आंदोलन को बातचीत से नहीं बल्कि जोर-जुल्म से खत्म करने की कोशिश की। ऐसा दोहरा रवैया क्यों? बातचीत करने की बजाय ऐसा तानाशाही रास्ता अपनाना केजरीवाल जी के गुस्से और बदले की भावना का एक और उदाहरण है।'
13 महीनों से प्रदर्शन कर रहे थे किसान
बता दें कि पंजाब के शंभू बॉर्डर और खनौरी पर 13 महीनों से प्रदर्शन कर रहे किसानों को हटाने के लिए दिल्ली पुलिस ने बुलडोजर का इस्तेमाल किया। किसानों के शेड को हटा दिया गया और मंचों को साफ कर दिया गया। देर रात तक दोनों बॉर्डर साफ कर दिए गए और क्रेन की मदद से पत्थरों को हटाया जा रहा है।
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