लॉरेंस बिश्नोई गैंग की डॉक्टरों पर नजर!: वसूली के लिए जान से मारने की धमकी, चार आरोपी गिरफ्तार

The accused was arrested in the case of taking bribe.
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रिश्वत लेने के मामले में पकड़ा आरोपी।   
Lawrence Bishnoi Gang: दिल्ली पुलिस ने एक ऐसे गिरोह का भंडाफोड़ किया है, जो लॉरेंस बिश्नोई गैंग के नाम पर डॉक्टरों से वसूली करता था। पुलिस ने इस मामले में चार आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है।

Lawrence Bishnoi Gang: बीते काफी समय से दिल्ली में रंगदारी के काफी मामले सामने आ रहे हैं। पहले रंगदारी के लिए किसी न किसी गैंग के सदस्य धमकियां देते थे या गोलीबारी कर रंगदारी मांगते थे लेकिन अब कोई भी अपने आप को किसी गिरोह का सदस्य बताकर वसूली करने की कोशिश करने लगता है। दिल्ली में उत्तर पश्चिम जिले की पुलिस ने एक ऐसे गिरोह का भंडाफोड़ किया है, जो खुद को लॉरेंस बिश्नोई की गैंग का सदस्य बताकर डॉक्टरों को अपना शिकार बनाता था।

लॉरेंस बिश्नोई के नाम पर वसूली करता था गिरोह

ये गिरोह खुद को लॉरेंस बिश्नोई गैंग का सदस्य बताकर दिल्ली के डॉक्टरों से जबरन वसूली करते थे। दिल्ली पुलिस ने इस गिरोह के चार सदस्यों को गिरफ्तार कर लिया है। इस मामले की जानकारी देते हुए पुलिस ने बताया कि दीप चंद बंधु अस्पताल के सीएमओ डॉ. अनिमेष ने भारत नगर थाने में शिकायत दी थी। इस शिकायत में बताया गया था कि 'लॉरेंस बिश्नोई सिंडिकेट ग्रुप' के नाम से उन्हें धमकी भरा पत्र मिला है। इस पत्र में धमकी दी गई कि अगर वो इसमें लिखे बैंक अकाउंट में पैसे जमा नहीं करेगा, तो उसे जान से मार दिया जाएगा।

सिलेंडर की डिलीवरी के आधार पर पकड़ा गया अरुण

पुलिस ने मामले को गंभीरता से लेते हुए स्पेशल टीम बनाकर मामले की जांच शुरू कर दी। बैंक अकाउंट से लेकर संदिग्धों की लोकेशन तक ट्रेस की गई। पुलिस ने इन आरोपियों को पकड़ने के लिए ऑपरेशन चलाए। पुलिस को कामयाबी मिली और जल्द ही चार आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया गया। जांच में पता चला कि धमकी भरे पत्र में दिया गया अकाउंट नंबर अरुण वर्मा नाम के शख्स का है। हालांकि अकाउंट खोलते समय फर्जी पता दिया गया था। हालांकि सिलेंडर की डिलीवरी के रिकॉर्ड से आरोपी अरुण वर्मा का पता चल गया और उसे गाजियाबाद से गिरफ्तार कर लिया गया।

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बाकी तीन आरोपी भी गिरफ्तार

इस अकाउंट के लेन-देन की जानकारी से पता चला कि आरोपी दिल्ली के एक शराब के ठेके पर प्रतिदिन शराब पीता था। पुलिस ने यहां पहुंचकर सीसीटीवी फुटेज की मदद से दूसरे आरोपी ऋषि शर्मा को गिरफ्तार कर लिया। वहीं ऋषि शर्मा से पूछताछ में पता चला कि इस साजिश में सबल सिंह और अखिलेश भी शामिल हैं। सबल सिंह यूपी के गांव सिधपुरा का ग्राम प्रधान है और उसे आगरा से गिरफ्तार कर लिया गया। वहीं सबल की निशानदेही पर अखिलेश को भी आगरा से गिरफ्तार किया गया। जांच में सामने आया कि कृष्णा नगर पोस्ट ऑफिस से ये लेटर पोस्ट किया गया। इस गैंग का मास्टरमाइंड ऋषि है, 2005 से 2015 के बीच उसने अपनी मार्केटिंग कंपनी चलाई। कंपनी में घाटा आने के बाद उसने ठगी का धंधा शुरू कर दिया।

जानें कैसे दिया अंजाम

डीसीपी नॉर्थ वेस्ट भीष्म सिंह ने मामले की जानकारी देते हुए बताया कि ये गैंग पहले मोबाइल टावर लगवाने के नाम पर लोगों के साथ ठगी करता था। बाद में इन्होंने डॉक्टरों को अपना शिकार बनाना शुरू किया। इन्होंने गूगल से 'All Doctors in Delhi' सर्च करके रिपोर्ट डाउनलोड की। इसके बाद रैंडम किसी भी डॉक्टर को धमकी भरे लेटर भेजना शुरू कर दिया। आरोपियों के पास से 8 स्मार्टफोन, 3 लैपटॉप, 11 एटीएम कार्ड और 140 फेक मोबाइल टावर एप्लिकेशन बरामद किए गए हैं।

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