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फर्जी दस्तावेजों पर दोपहिया वाहन फाइनेंस करने वाले तीन आरोपियों को पुलिस ने गिरफ्तार किया है। इन्होंने तीन महीने के भीतर 35 से ज्यादा वाहन फाइनेंस करवाए थे।

Delhi: स्पेशल सेल की आईएफएसओ यूनिट ने तीन जालसाजों को गिरफ्तार किया है। इनके नाम अंकित, समीर और निसार हैं। समीर इस पूरे रैकेट का मास्टरमाइंड है। यह लोग फर्जी दस्तावेजों पर दुपहिया वाहन फाइनेंस करके कंपनियों को नुकसान पहुंचा रहे थे। इनके पास से 13 दुपहिया वाहन जब्त किए गए हैं। पुलिस जांच में खुलासा हुआ कि मात्र तीन महीने के भीतर 35 से ज्यादा वाहन फाइनेंस करवाए गए थे।

डीसीपी हेमंत तिवारी के अनुसार, एडिशनल डीसीपी सुनील पांचाल की देखरेख में सब इंस्पेक्टर सुमित कटारिया, हेड कांस्टेबल मनजीत और मनोज कुमार की टीम ने इस चीटिंग के मामले का खुलासा किया है। मामले का पर्दाफाश करने के लिए पुलिस ने डॉक्यूमेंट की जांच के साथ ही फोन रिकॉर्ड भी खंगाला। पता चला कि अंकित और हर्ष नाम के दो लोग लगातार इन नंबरों के संपर्क में थे। उसके बाद पता चला कि इनके साथ तीसरा शख्स भी मिला हुआ है। 

फाइनेंस कंपनियों को लगाया लाखों का चूना

यह लोग दुपहिया वाहन फाइनेंस करवाने के लिए पैन कार्ड, आधार कार्ड आदि दस्तावेज फर्जी जमा करवा फाइनेंस कंपनियों को लाखों का चूना लगा रहे थे। पुलिस ने हरियाणा के सोनीपत निवासी अंकित को मामले में पहले गिरफ्तार किया। आरोपी ने कोविड के दौरान बिजनेस के लिए लोन देना शुरू किया था और उसी दौरान इसका संपर्क समीर उर्फ रॉकी से हुआ।

दुपहिया वाहन करवाए फाइनेंस

रॉकी गुलाबी बाग दिल्ली का रहने वाला है। उसी ने इसे आईडिया दिया कि फर्जी डॉक्यूमेंट के आधार पर दुपहिया वाहन फाइनेंस करवाया जा सकता है। इसके बाद अंकित ने समीर के कहने पर 35 से ज्यादा दुपहिया वाहन फर्जी डॉक्यूमेंट पर फाइनेंस करवाए। अंकित की निशानदेही पर सीलमपुर के रहने वाले निसार को गिरफ्तार किया गया। वह कंपनियों के द्वारा फाइनेंस किए गए वाहनों को आगे बेचने का काम करता था। इसके बाद तीसरा आरोपी समीर भी पकड़ा गया। इसकी भूमिका मास्टरमाइंड के रूप में सामने आई है। पुलिस टीम ने 13 वाहन इनके पास से बरामद किए है, जिसमें से एक बुलेट भी शामिल है।

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