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Delhi: दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच ने मुठभेड़ के बाद हिमांशु गैंग के दो कुख्यात शूटरों को गिरफ्तार किया है। इस दौरान एक शूटर के पैर में गोली लगी है।

Delhi: दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच ने मुठभेड़ के बाद हिमांशु उर्फ भाऊ नवीन बाली और चीता बालंद गैंग के दो कुख्यात शूटरों को गिरफ्तार किया है। बिंदापुर इलाके के हत्या के प्रयास एवं रंगदारी के मामले में दोनों वांछित थे। इनके पास से दो पिस्टल, सात कारतूस और एक चोरी की कार बरामद हुई है। इस गिरफ्तारी के बाद पुलिस ने तीन मामलों को सुलझाने का दावा किया है।

स्पेशल सीपी रविंद्र यादव के अनुसार, क्राइम ब्रांच की एजीएस टीम द्वारा गिरफ्तार किए गए बदमाशों के नाम कपिल उर्फ अरुण उर्फ मोटा निवासी रिटोली कबूलपुर, रोहतक, हरियाणा और राहुल है। गोयला डेयरी, द्वारका में मुठभेड़ हुई। आरोपी कपिल ने पुलिस टीम पर तीन राउंड फायरिंग की। जवाबी कार्रवाई में पुलिस ने भी आत्मरक्षा में तीन राउंड फायरिंग की, जिसमें से एक गोली आरोपी के दाहिने पैर में लगी। आरोपी कपिल के पास से एक चोरी की कार भी बरामद हुई।

पुलिस ने सूचना के आधार पर लगाया ट्रैप

पुलिस को सूचना मिली थी कि कपिल छावला नाले के रास्ते द्वारका जाएगा। इसके बाद टीम ने निर्मल धाम के पास ट्रैप लगाकर चेकिंग शुरू कर दी थी। बुधवार सुबह करीब 6.20 बजे एक स्विफ्ट कार को रोका गया, जो बिजवासन छावला रोड से आ रही थी। बदमाश ने कार तेज कर भागने की कोशिश की और इस दौरान बैरिकेड को टक्कर भी मारी गई।

पूछताछ से हुआ खुलासा

पूछताछ के दौरान कपिल ने खुलासा किया कि वह अपने साथी राहुल से मिलने के लिए द्वारका इलाके में जा रहा था। राहुल के गोयला डेयरी इलाके में मौजूद होने का पता चलने पर उसे भी दबोच लिया गया। आगे की पूछताछ के दौरान, आरोपी कपिल ने खुलासा किया कि 13 दिसंबर, 2023 को उसने अपने साथियों के साथ द्वारका मोड़ के पास एक प्रॉपर्टी डीलर पर गोलियां चलाई थी। डीलर उस समय अपने कार्यालय में बैठा था। फायरिंग करने के बाद आरोपियों ने प्रॉपर्टी डीलर को एक पर्ची दी, जिसमें हिमांशु उर्फ भाऊ-नवीन बाली-चीता बालंद गैंग द्वारा 2 करोड़ रुपये की रंगदारी मांगी गई थी। किसी तरह प्रॉपर्टी डीलर अपनी जान बचाने में कामयाब रहा था। लगभग 35 गोलियां डीलर के ऑफिस की दीवारों, छत और शीशे पर लगी थी। लगभग 10 जिंदा कारतूस ऑफिस से बरामद हुए थे। इस मामले में एक शूटर एमडीयू से पहले पकड़ा जा चुका है।

नीरज बवाना और नवीन बाली है बचपन के दोस्त

गौरतलब है कि नीरज बवाना और नवीन बाली बचपन के दोस्त हैं और बवाना इलाके में एक ही स्कूल में पढ़ते थे। सुरेंद्र मलिक उर्फ नीटू दाबोधा पहले से ही अपराध में सक्रिय था। दोनों दाबोधा गैंग में शामिल हो गए थे। उन्होंने नीटू के इशारे पर कई अपराध किए। 2008 में नवीन और नीरज बवाना ने रोहिणी में डबल मर्डर किया था। इसके बाद उन्होंने हरियाणा में दो लोगों की हत्या कर दी थी।

उन्होंने कई जघन्य अपराध किए। दोनों नीटू से भी अधिक बड़े बदमाश बनना चाहते थे। बाद में उन्होंने अपना गिरोह बना लिया। 2012 में नीटू ने नीरज बवाना और नवीन उर्फ बाली के करीबी अजय उर्फ सोनू दादा की हत्या कर दी। इस घटना ने दोनों गिरोहों को कट्टर प्रतिद्वंद्वी बना दिया। इसके बाद दोनों तरफ से कई लोग मारे गए।

दिल्ली पुलिस द्वारा मुठभेड़ में नीटू को मार गिराने के बाद पारस नाम के शख्स ने गिरोह की कमान संभाली। 2015 में नीरज बवाना और नवीन बाली ने पारस और प्रदीप उर्फ भोला की उस समय पुलिस वैन में हत्या कर दी थी, जब दोनों को अदालत ले जाया जा रहा था। हिमांशु रिटोली गांव, झज्जर, हरियाणा का रहने वाला है। उसका अपने ही गांव के सन्नी से विवाद हो गया था, जिसमें उसने सन्नी को गोली मार दी। केस में इसे गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया। बाद में उसे ऑब्जर्वेशन होम भेज दिया गया, लेकिन वह वहां से भाग गया।

हिमांशु विदेश से चला रहा गैंग

इसके बाद वह नवीन गिरोह में शामिल हो गया और उसके निर्देश पर तीन लोगों को मौत के घाट उतार दिया था। उसने हरियाणा में अमीर लोगों को पैसे वसूलने के लिए धमकियां भेजनी शुरू कर दीं और मना करने पर उन्हें जान से मारने की कोशिश की। बहुत ही कम समय में और केवल 20 साल की उम्र में वह खतरनाक अपराधी के रूप में जाना जाने लगा। इसके बाद उसने अपना गिरोह बना लिया, लेकिन उसने नवीन उर्फ बाली के साथ गठबंधन बनाए रखा। हिमांशु ने दिल्ली के रणहौला क्षेत्र में एक केबल ऑपरेटर की भी हत्या की थी। केबल ऑपरेटर ने नवीन उर्फ बाली को रंगदारी देने से इनकार कर दिया था। हिमांशु के गिरोह में कई शूटर हैं, जो अभी भी फरार हैं। हिमांशु विदेश से अपना गिरोह संचालित कर रहा है।

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