Unauthorised Colonies: दिल्ली के एलजी विनय कुमार सक्सेना अनाधिकृत कॉलोनियों की समस्याओं को लेकर अब एक्शन मोड में आ गए हैं। संसद ने कुछ दिन पहले ही एनसीटीडी कानून (विशेष प्रावधान) अधिनियम 2023, दिल्ली अधिनियम पारित किया और अब इस पर कार्रवाई शुरू हो चुकी है। एलजी वीके सक्सेना ने अनाधिकृत कॉलोनियों के नियमितीकरण की स्थिति और पीएम-उदय और पीएमएवाई के तहत झुग्गीवासियों के पुनर्वास में किए गए कार्य की समीक्षा करने के लिए वरिष्ठ अधिकारियों के साथ बैठक की है।

राजभवन के अधिकारियों ने दी जानकारी

राजभवन के अधिकारियों की तरफ से बताया गया कि मीटिंग के दौरान एलजी को अनाधिकृत कॉलोनियों की सीमाओं, तारीखों के बारे में बार-बार विस्तार और अन्य मुद्दों से अवगत कराया गया था। उन्हें यह भी बताया गया कि इन मुद्दों को काफी लंबे समय से लटकाया जाता रहा है। 2019 में पीएम-उदय और पीएमएवाई योजनाएं तैयार करने में केंद्र ने नेतृत्व किया था। कोविड महामारी के चलते इन योजनाओं को पूरा करने का कार्य धीमा पड़ा। 

एलजी विनय सक्सेना ने अधिकारियों को अनाधिकृत कॉलोनियों के रजिस्ट्रेशन, सत्यापन और उसके बाद नियमितीकरण के लिए एक ठोस प्लानिंग करने की योजना बनाने को कहा है। साथ ही, उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि ऐसा करने की प्रक्रिया को आसान और परेशानी मुक्त बनाने की जरूरत है। एलजी ने यह भी चेतावनी दी कि इस संबंध में कोई भी लापरवाही या भ्रष्टाचार बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।

दिल्ली में कितनी अनाधिकृत कॉलोनियां

केंद्र सरकार के अधीन आने वाले दिल्ली विकास प्राधिकरण (DDA) ने अनाधिकृत कॉलोनियों की संख्या 1,731 बताई है। लाजपत नगर, सैनिक फार्म आदि सहित दक्षिणी दिल्ली के बड़े हिस्से अनधिकृत निर्माणों से भरे हुए हैं। दिल्ली की 30 फीसदी से ज्यादा शहरी आबादी अनधिकृत कॉलोनियों में निवास करती है। इन अनाधिकृत कॉलोनियों में सड़कों, खुली जगहों, स्वच्छता और पानी की सुविधाओं की काफी कमी है। हालांकि, यह कॉलोनियां ऐसी सुविधाएं देती हैं जो झुग्गी की तुलना में काफी बेहतर हैं।