Delhi News: देश के साथ ही राजधानी दिल्ली भी ठंड से ठिठुर रही है। बहुत से लोगों के लिए सर्दी ज्यादा मुसीबत भरी नहीं रहती क्योंकि वे अपने घरों में रजाई और कंबलों में होते हैं लेकिन सर्दी के कारण सड़क पर रहने वालों को मुसीबत होती है। बेघरों को सर्दी का सितम झेलना पड़ता है। कई बार सर्दी के कारण उनकी जान तक चली जाती है। 15 दिसंबर 2024 से 10 जनवरी 2025 तक 474 लोगों की ठंड के कारण मौत हो गई। यह दावे सेंटर फॉर होलिस्टिक डेवलपमेंट यानी सीएचडी ने किए हैं। यह आंकड़े उन सियासी दावों की भी पोल खोलते हैं, जो सर्दी के मौसम में बेघर लोगों के लिए खुद को सबसे ज्यादा संवदेनशील बताते हैं।
रेलवे स्टेशन परिसर में हुईं सबसे ज्यादा मौतें
सीएचडी के कार्यकारी निदेशक सुनील अलेडिया ने बताया कि दिल्ली पुलिस नेटवर्क (जिप नेट) ने 15 दिसंबर 2024 से 10 जनवरी 2025 तक ठंड के कारण हुई मौतों के आंकड़ों को जारी किया है। इसमें 80 फीसदी मामले अज्ञात पहचान के रूप में दर्ज किए गए हैं। सबसे ज्यादा मौतें रेलवे स्टेशन परिसरों में हुई हैं, जहां 100 से ज्यादा मौतें हुई हैं। इसमें हजरत निजामुद्दीन रेलवे स्टेशन, आनन्द विहार रेलवे स्टेशन, सराय रोहिला रेलवे स्टेशन और दिल्ली कैंट समेत अन्य स्टेशन शामिल हैं।
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इन इलाकों में मौत के आंकड़े
दूसरे नंबर पर सबसे ज्यादा मौतें उत्तरी दिल्ली जिला पुलिस क्षेत्र में दर्ज की गईं। यहां सब्जी मंडी, कश्मीरी गेट, कोतवाली, सदर बाजार, तिमारपुर, सिविल लाइंस, वजीराबाद, गुलाबी बाग, सिविल लाइंस, बाड़ा हिंदूराव, सराय रोहिला, लाहौरी गेट समेत कई अन्य स्थानों पर 83 मौतें दर्ज की गई हैं। वहीं मध्य दिल्ली के दरियागंज, जामा मस्जिद, पहाड़गंज, राजेंद्र नगर, पटेल नगर, करोल बाग, कमला मार्केट, हौज काजी, नबी करीम समेत अन्य इलाकों में 54 बेघरों की सर्दी के कारण मौत दर्ज की गई हैं।
दिल्ली शहरी आश्रय सुधार बोर्ड
वहीं दिल्ली शहरी आश्रय सुधार बोर्ड के एक अधिकारी ने आश्रय गृहों की संख्या बढ़ाने और बेहतर सुविधा का प्रबंध करने की मांग की। वहीं एक अन्य अधिकारी ने सर्दी से सौकड़ों लोगों की मौत के आंकड़ों को लेकर शक जताते हुए कहा कि यह आंकड़े उचित प्रतीत नहीं होते हैं। अधिकारी ने दावा किया कि दिल्ली के अलग-अलग इलाकों में बेघरों के आश्रय की बेहतर व्यवस्था है।
दिल्ली में रैन बसेरों का इंतजाम
बता दें कि दिल्ली हरियाणा समेत कई राज्यों में ठंड से बचने के लिए निवास स्थान और बोजन की व्यवस्था कराई जाती है। आश्रय के लिए रैन बसेरों का इंतजाम किया जाता है। दिल्ली में अलग-अलग इलाकों में रैन बसेरे बनाए गए हैं। यहां पर लोगों को रात्रि निवास के लिए स्थान और भोजन की व्यवस्था कराई जाती है। हालांकि जिस तरह से दिल्ली की सर्दी बेघर लोगों के लिए जानलेवा साबित हो रही है, उसके मद्देनजर सरकारों को इस दिशा में और भी ठोस कदम उठाने होंगे।
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