पुरानी दिल्ली की अनोखी होली: महामूर्ख सम्मेलन और गधे पर बैठाकर घुमाने की अनोखी परंपरा, हास्य लेखकों और साहित्यकारों का जमावड़ा

Unique Holi in Old Delhi
X
पुरानी दिल्ली में अनोखी होली।
Unique Holi Celebration: एक समय था, जब पुरानी दिल्ली में अनोखे ढंग से होली मनाई जाती थी। इसमें हास्य व्यंग्य लेखक और साहित्यकार शामिल होते थे। इस कार्यक्रम में महा मूर्ख सम्मेलन और गधा यात्रा का आयोजन किया जाता था। 

Unique Holi Celebration: देशभर में कई ऐसी जगह हैं, जहां पर अनोखे ढंग से होली मनाई जाती है। पुराने समय में पुरानी दिल्ली की होली भी बेहद खास और अनोखी हुआ करती थी। यहां होली पर महा मूर्ख सम्मेलन और गधा यात्रा आयोजित की जाती थी। यहां पर फिल्मी कलाकार, दूर-दूर से हास्य व्यंग्य लेखक और साहित्यकार इस होली सेलिब्रेशन में शामिल हुआ करते थे। अनोखी होली का आयोजन चांदनी चौक इलाके के भागीरथ पैलेस में होती थी। इस होली की परंपरा को लोग आज भी याद करते हैं। आइए होली की इस अनोखी परंपरा से आपको भी रूबरू कराते हैं।

भागीरथ पैलेस में अनोखी होली

भागीरथ पैलेस में अनोखे होली सेलिब्रेशन का आयोजन किया जाता था। इस दौरान महा मूर्ख सम्मेलन और गधा यात्रा का आयोजन किया जाता था। इस आयोजन में दूर-दूर से हास्य व्यंग्य लेखक, साहित्यकारों के साथ ही बॉलीवुड फिल्मों में टुनटुन नाम से काम करने वाली उमा देवी खत्री और मशहूर कवयित्री अमृता प्रीतम भी यहां होली कार्यक्रम में हिस्सा लेने आया करती थीं।

महामूर्ख की उपाधि से नवाजकर उपहार में देते थे गधे की मूर्ति

महा मूर्ख सम्मेलन में एक व्यक्ति को महामूर्ख की उपाधि से नवाजा जाता था और उसे पुरस्कार के रूप में एक गधे की मूर्ति दी जाती थी। इस कार्यक्रम के दौरान एक गधा लाया जाता था। इसके बाद महा मूर्ख को गधे पर बैठाकर चांदनी चौक में घुमाते हुए जुलूस निकाला जाता था। इस दौरान होली के गीत गाए जाते थे और तमाम तरह के चुटकुले सुनाए जाते थे। ये जुलूस चांदनी चौक के फतेहपुरी चौक से होते हुए फल-सब्जी मंडी, कटरा से होकर गुजरती थी। गली मोहल्ले के लोग इस जुलूस को देखने के लिए इंतजार किया करते थे। वे लोग जुलूस में शामिल लोगों के स्वागत के लिए कोल्ड ड्रिंक और मिठाइयां लेकर खड़े रहा करते थे।

किसने की थी इस अनोखी होली की शुरुआत

बता दें कि इन सभी कार्यक्रमों की शुरुआत लोकप्रिय हास्य कवि पंडित गोपाल प्रसाद व्यास ने की थी। उनके समय में लगभग 40 सालों तक इन कार्यक्रमों का आयोजन हुआ। उनके निधन के बाद स्थानीय पार्षद राम प्रकाश गुप्ता और सामाजिक कार्यकर्ता इंद्र कुमार जैन ने ये सिलसिला जारी रखा। उन्होंने लंबे समय तक महामूर्ख सम्मेलन और गधा यात्रा कराई। हालांकि उनके निधन के बाद पिछले 7-8 सालों से ये कार्यक्रम बंद हो गए।

ये भी पढ़ें: Delhi Politics: ओम बिरला अपने विधायकों को सिखाएंगे विधायी गुण, लोकसभा अध्यक्ष करेंगे दो दिवसीय कार्यक्रम

WhatsApp Button व्हॉट्सऐप चैनल से जुड़ें WhatsApp Logo
Next Story