20 सालों का इंतजार हुआ खत्म: दिल्ली सरकार को मिला UCMS, इस वजह से लिया गया फैसला

University College Medical Sciences Part of Delhi Government
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दिल्ली सरकार को मिला यूसीएमएस।
University College of Medical Sciences: 1 अप्रैल से यूसीएमएस दिल्ली सरकार के स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग को का हिस्सा बन जाएगा। दिल्ली सरकार के हेल्थ एंड फैमिली वेलफेयर डिपार्टमेंट की ओर से इस संबंध में एक आदेश जारी किया गया है।

University College of Medical Sciences: दिल्ली यूनिवर्सिटी के अंडर में चलने वाली यूनिवर्सिटी कॉलेज ऑफ मेडिकल साइंसेज (यूसीएमएस) अब दिल्ली सरकार के हेल्थ एंड फैमिली वेलफेयर डिपार्टमेंट का हिस्सा बन जाएगा। इस संबंध में दिल्ली सरकार के हेल्थ एंड फैमिली वेलफेयर डिपार्टमेंट की ओर से एक आदेश जारी किया गया है। इसमें बताया गया है कि 1 अप्रैल से यूसीएमएस का प्रशासनिक और वित्तीय नियंत्रण दिल्ली सरकार के हेल्थ एंड फैमिली वेलफेयर डिपार्टमेंट को सौंप दिया जाएगा।

यूसीएमएस को 100 करोड़ रुपये की सहायता

आदेश में कहा गया है कि स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग, दिल्ली सरकार द्वारा यूसीएमएस के लिए जरूरी बजट के प्रावधान करेंगे। अधिग्रहण प्रक्रिया में किसी भी वित्तीय कठिनाई से निपटने के लिए वित्त विभाग की ओर से यूसीएमएस को 100 करोड़ रुपये की सहायता प्रदान की जाएगी। यूसीएमएस दिल्ली सरकार के अधीन होने के बाद यूसीएमएस की सभी लैंड, बिल्डिंग, इक्विपमेंट, रिकॉर्ड और इन्फ्रास्ट्रक्चर दिल्ली सरकार को ट्रांसफर किया जाएगा। इसके अलावा, टीचिंग और नॉन टीचिंग कर्मचारियों को उनके वर्तमान पदों और वेतनमान के अनुसार दिल्ली सरकार में समायोजित किया जाएगा।

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यूसीएमएस को इस वजह से दिल्ली सरकार को सौंपा गया

बता दें कि यूसीएमएस डीयू के अंदर आता है और यह भारत सरकार के एचआरडी के अधीन है जबिक इससे जुड़ा जीटीबी हॉस्पिटल दिल्ली सरकार के अंदर है। इसकी वजह से लोगों को कन्फ्यूजन होते थे और कई तरह के समस्याएं हो रही थी। इसी के मद्देनजर मांग उठी की यूसीएमएस को दिल्ली सरकार को सौंप दिया जाए। तो वहीं, भारत सरकार ने 25 अगस्त 2005 को यूसीएमएस को दिल्ली सरकार को सौंपने का निर्णय लिया और 2016 में दिल्ली सरकार ने अधिग्रहण का प्रस्ताव पेश किया, जिसे उपराज्यपाल ने मंजूरी दे दी, लेकिन यूसीएमएस फैकल्टी यूनियन और स्टाफ दिल्ली सरकार में जाना नहीं चाहती थी। उन्होंने दिल्ली सरकार के आदेश के खिलाफ दिल्ली हाई कोर्ट में एक याचिका दायर की। कोर्ट ने इस याचिका पर सुनवाई करते हुए 16 नवंबर 2016 को दिल्ली सरकार के आदेश पर रोक लगा दी।

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