Virendra Sachdeva on CAG Report: भाजपा के प्रदेशाध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा ने दिल्ली विधानसभा में विशेष सत्र बुलाने की मांग की है। भाजपा नेता का आरोप है कि अरविंद केजरीवाल की सरकार ने शीतकालीन सत्र में कैग रिपोर्ट्स सदन के पटल पर नहीं रखी, लेकिन मामला कोर्ट में पहुंचा तो गुपचुप तरीके से कैग रिपोर्ट्स एलजी ऑफिस भेज दी। उन्होंने कहा कि कैग रिपोर्ट्स के तथ्य जानने का हक दिल्ली की जनता को है। ऐसे में विशेष सत्र बुलाया जाना चाहिए ताकि अरविंद केजरीवाल की सरकार का सच सामने आ सके।
वीरेंद्र सचदेवा ने कहा कि अरविंद केजरीवाल ने दूसरों पर आरोप लगाकर राजनीति शुरू की थी। अब अरविंद केजरीवाल अपने कृत्यों को छिपा रहे हैं। उन्होंने कहा कि अरविंद केजरीवाल ने कॉमनवेल्थ खेलों के लागत पर आई CAG रिपोर्ट का जिक्र कर अपने सिसासी करियर की शुरुआत की। 2014 में मुख्यमंत्री रहते हुए उन्होंने एक CAG रिपोर्ट के आधार पर एसीबी जांच के आदेश दिए थे। लेकिन, अब केजरीवाल सरकार CAG की रिपोर्टों को विधानसभा में प्रस्तुत करने से बचती दिखी है।
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भाजपा ने न्यायालय का दरवाजा खटखटाया
वीरेंद्र सचदेवा ने कहा कि भाजपा विधायक दल पिछले दो सालों से इन रिपोर्टों को विधानसभा में प्रस्तुत करने की मांग कर रहा था। जब सरकार ने कोई कदम नहीं उठाया, तो भाजपा नेता विजेंद्र गुप्ता ने 29 अक्टूबर 2024 को दिल्ली हाई कोर्ट में याचिका दायर की थी। इस पर हाई कोर्ट ने दिल्ली सरकार से जवाब मांगा। आरोप है कि कोर्ट में सुनवाई से एक दिन पहले ही एलजी ऑफिस के पास कैग रिपोर्ट्स भेज दी गई। अगले दिन सुनवाई हुई तो केजरीवाल सरकार ने पक्ष रखा कि कैग रिपोर्ट्स एलजी ऑफिस में है। सचदेवा का कहना है कि यह कोर्ट को गुमराह करने जैसा कदम है।
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14 CAG रिपोर्ट होनी चाहिए सार्वजनिक
सचदेवा ने उम्मीद जताई कि 14 CAG रिपोर्टें अब एलजी ऑफिस पहुंच चुकी है, लिहाजा उम्मीद है कि इन फाइलों में दबे राज भी जनता के समक्ष उजागर हो जाएंगे। उन्होंने दिल्ली विधानसभा अध्यक्ष से 21 दिसंबर को विशेष सत्र बुलाने की मांग की। उन्होंने कहा कि दिल्ली सरकार को इन सभी 14 रिपोर्टों को पटल पर रखने का निर्देश दिया जाए। बताया जा रहा है कि कैग की इन रिपोर्ट्स में मोहल्ला क्लिनिक, शराब पर शुल्क, प्रदूषण नियंत्रण समेत कई अन्य वित्तीय मामले शामिल हैं। बहरहाल, वीरेंद्र सचदेवा के इन आरोपों पर आम आदमी पार्टी की ओर से कोई प्रतिक्रिया सामने नहीं आई है।