30 January Marg History: देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू समेत तमाम नेताओं ने राजघाट पर जाकर राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की 76वीं पुण्य तिथि पर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की। लोगों से आह्वान किया कि बापू की शिक्षाओं पर अमल करके उनके बताए रास्ते पर चलना चाहिए। अगर आप भी गांधी दर्शन करना चाहते हैं, तो आपको 30 जनवरी मार्ग पर अवश्य जाना चाहिए। खास बात है कि इस मार्ग के पीछे की कहानी भी बेहद रोचक है।
दिल्ली के '30 जनवरी मार्ग' का नाम पहले 'अल्बुकर्क रोड' हुआ करता था। सरकार को लगा कि इस अल्बुकर्क रोड का नाम '30 जनवरी मार्ग' होना चाहिए। दरअसल, साल 1948 में आज ही के दिन नाथूराम गोडसे ने बापू को गोली मार दी थी। वे उस वक्त दिल्ली के बिड़ला हाउस में प्रार्थना सभा के लिए जा रहे थे। सरकार ने 1966 में बिड़ला हाउस को खरीद लिया था। बिड़ला हाउस अल्बुकर्क रोड पर होता था। ऐसे में सरकार ने बापू की याद में इस सड़क का नाम बदलकर '30 जनवरी मार्ग' कर दिया।
विदेशी भी पहुंचते हैं 30 जनवरी मार्ग देखने
राजधानी में कई सड़कें हैं, जिसे देखने के लिए न केवल देश के बल्कि विदेशी भी भारी संख्या में पहुंचते हैं। इन सड़कों में '30 जनवरी मार्ग' भी शामिल है, जहां रोजाना हजारों लोग इस मार्ग को देखने पहुंचते हैं। महात्मा गांधी ने पूरे देश में शांति और अहिंसा का प्रचार किया था। इस रोड पर महात्मा गांधी स्मृति संग्रहालय है। यहां जाकर आप गांधीजी के जीवन से जुड़ी कई अहम बातों से रूबरू हो सकते हैं।
कैसे पहुंचे '30 जनवरी मार्ग' तक
30 जनवरी मार्ग तक पहुंचने की राह भी दिल्ली मेट्रो ने सुलभ की है। इस मार्ग का नजदीकी मेट्रो स्टेशन लोक कल्याण मार्ग है। यहां से 30 जनवरी मार्ग तक के लिए ऑटो रिक्शा उपलब्ध रहते हैं। अकबर रोड और तुगलक रोड को डॉक्टर एपीजे अब्दुल कलाम रोड से जोड़ने वाले '30 जनवरी मार्ग' पर नेशनल डिफेंस कॉलेज भी स्थित है। इसके अलावा इस क्षेत्र के सौंदर्यीकरण को देखकर भी आप इसे कभी भूला नहीं पाएंगे।