Chaitra Navratri 2025: 30 मार्च 2025 से 7 अप्रैल 2025 तक देश में हर्षोल्लास के साथ नवरात्रि का त्योहार मनाया जाएगा। हिंदू धर्म में नवरात्रि को लेकर खास मान्यता होती है। नौ दिन चलने वाले इस त्योहार के दौरान लोग नौ देवी के नौ स्वरूपों की पूजा करते हैं। बहुत से लोग व्रत के दौरान या बिना व्रत किए माता के दर्शन करना चाहते हैं। अगर आप भी नवरात्रि में मां के मंदिर जाकर दर्शन कर आशीर्वाद लेना चाहते हैं, तो बता दें कि आज हम आपको दिल्ली में माता के कुछ प्रसिद्ध मंदिरों के बारे में बता रहे हैं। इन मंदिरों में जाकर आप दर्शन-पूजन कर आशीर्वाद ले सकते हैं।
झंडेवालान मंदिर, करोल बाग
दिल्ली के झंडेवालान मंदिर की अपनी अलग पहचान है। लोग श्रद्धा के साथ माता के दरबार जाकर दर्शन-पूजन करते हैं। ये 200 साल पुराना मंदिर करोल बाग में स्थित है। यहां पूरे साल भक्तों का जावड़ा रहता है। इस मंदिर में माता की अष्टकोणीय आकार में मूर्ति मौजूद है। यहां एक गुफा भी है, जहां मां की मूल प्रतिमा के दर्शन होते हैं। गुफा में मौजूद मां की मूर्ति खुदाई के दौरान मिली थी। हालांकि उस दौरान माता के हाथ खंडित हो गए, जो बाद में चांदी के बनाए गए।

संतोषी माता मंदिर, हरि नगर
दिल्ली के हरि नगर में जेल रोड पर संतोषी माता का भव्य मंदिर है। यहां पर नवरात्रि के दौरान भक्तों का भारी जमावड़ा लगता है। ये मंदिर 100 साल से ज्यादा पुराना है। यहां 24 घंटे अखंड ज्योति प्रज्वलित रहती है। मंदिर की विशेषता ये है कि इस मंदिर में कोई पुजारी नहीं है। कहा जाता है कि यहां मौजूद पीपल के पेड़ में चुनरी बांधने से मां भक्तों की मुरादें पूरी करती हैं।

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कालकाजी मंदिर, कालकाजी
नवरात्र के दौरान दिल्ली के कालकाजी मंदिर में भक्तों का तांता लगता है। कहा जाता है कि नवरात्रों के दौरान यहां काली मां के दर्शन जरूर करने चाहिए। ये राजधानी के सबसे पुराने मंदिरों में से एक है। मान्यता है कि राजा युधिष्ठिर के शासनकाल के दौरान खुद भगवान कृष्ण और पांडवों ने काली मां की पूजा की थी।

योगमाया मंदिर, महरौली
दिल्ली के महरौली में योगमाया मंदिर स्थित है। ये मंदिर भगवान श्री कृष्ण की बहन देवी योगमाया को समर्पित हैं। नवरात्र के दौरान इस मंदिर में जाकर दर्शन कर सकते हैं। कहा जाता है कि यहां दर्शन-पूजन करने वाले लोगों की परेशानियां दूर होती हैं।

छतरपुर मंदिर, छतरपुर
दिल्ली के छतरपुर में मां काली का इकलौता ऐसा मंदिर है, जहां परदिन में तीन बार माता के अलग-अलग रूपों की पूजा की जाती है। कहा जाता है कि यहां मां के दर्शन करने वाले भक्तों की बिगड़ी बन जाती है। ये मंदिर छतरपुर से सटे 6 किलोमीटर दूर हमा गांव के जंगलों में सिद्ध मंदिर के रूप में स्थित है। कहा जाता है कि ये मंदिर 300 साल पुराना है, कहा जाता है कि यहां मूर्ति स्थापना के समय हो रहे यज्ञ के दौरान माता स्वयं प्रकट हुई थीं। इस मंदिर में स्थापित मूर्ति कलकत्ता से लाई गई थी। यहां नवरात्रि में भक्तों का तांता लगता है।

गुफा मंदिर, लाजपत नगर

इस नवरात्रि आप गुफा मंदिर जा सकते हैं। ये मंदिर मां वैष्णों देवी गुफा की तर्ज पर बनाया गया है। मंदिर से बाहर निकलते ही भैरव बाबा का मंदिर भी है। नवरात्रि के दौरान यहां पर उत्सव आयोजित किए जाते हैं। इस गुफा की लंबाई 140 फीट है। इस गुफा मंदिर के दर्शन करने से माता वैष्णों देवी मंदिर का एहसास होता है। ये मंदिर लाजपत नगर मेट्रो स्टेशन के पास है।
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