दिल्ली वायु प्रदूषण के लिए आम आदमी पार्टी लगातार भाजपा शासित यूपी, हरियाणा और राजस्थान सरकार को जिम्मेदार ठहरा रही है। रोजाना दावे किए जा रहे हैं कि आम आदमी पार्टी की सरकार वायु प्रदूषण से निपटने के लिए पूरी तरह से प्रतिबद्ध है। लेकिन, नेशनल एयरोनॉटिक्स एंड स्पेस एडमिनिस्ट्रेशन यानी नासा ने इन दावों की पोल खोल दी है। नासा ने छह राज्यों में पराली जलाए जाने की घटनाओं का डेटा जारी किया है। आप भी इस रिपोर्ट को पढ़कर हैरान रह जाएंगे कि दिल्ली वायु प्रदूषण के लिए सबसे बड़ी दोषी कौन है।
नासा की ताजा रिपोर्ट के अनुसार, पराली जलाने में पंजाब सबसे आगे है। पंजाब सरकार, जिसका नेतृत्व भगवंत मान कर रहे हैं। आंकड़ों के मुताबिक, 4 नवंबर को देश के छह राज्यों से 351 जगह पराली जलाए जाने के मामले सामने आए हैं। इनमें से 216 मामले पंजाब से थे। मध्य प्रदेश दूसरे नंबर पर रहा, जहां 67 जगह पराली जलाई गई।
हरियाणा की बात करें तो इस दिन 19 जगह पराली जलाने के मामले सामने आए। राजस्थान में हरियाणा के मुकाबले यह आंकड़ा बढ़कर 36 दिखा, लेकिन योगी आदित्यानाथ के नेतृत्व वाले उत्तर प्रदेश में 16 जगह ही पराली जलाने का मामला सामने आया।
इसी प्रकार 4 नवंबर के आंकड़ों पर नजर डालें तो इन छह राज्यों में पराली जलाने के कुल 963 मामले सामने आए। इस दिन मध्य प्रदेश 506 मामलों के साथ पहले स्थान पर रहा, जबकि पंजाब में 262 जगह पराली जलाई गईं। यूपी में 84 जगह पराली जलाने के मामले मिले, लेकिन हरियाणा में महज 13 जगह ही पराली जलाने के मामले सामने आए हैं। खास बात है कि दिल्ली में इन दोनों दिनों में पराली जलाने का कोई भी मामला सामने नहीं आया, लेकिन इससे पहले के आंकड़ों पर नजर डालें तो राजधानी में भी 12 जगहों पर पराली जलाने के मामले सामने आए हैं।
वायु प्रदूषण के लिए पंजाब सबसे ज्यादा जिम्मेदार
नासा के मुताबिक, 15 सितंबर से 4 नवंबर तक के आंकड़ों को देखें तो पराली जलाने की सबसे ज्यादा घटनाएं पंजाब में हुई हैं। इस अवधि के बीच पराली जलाने के कुल मामले 10693 सामने आए हैं, जिनमें से 4394 मामले पंजाब से हैं। दूसरे नंबर पर मध्य प्रदेश है, जहां 2875 जगह पराली जलाई गई। यूपी में 1372, राजस्थान में 1170 और हरियाणा में 870 जगह पराली जलाने के मामले सामने आए हैं।
हरियाणा के कृषि मंत्री श्याम सिंह राणा का कहना है कि पिछले सालों की तुलना में इस साल पराली जलाने की घटनाएं कम हुई हैं। प्रदेश के किसानों को पराली न जलाने के लिए प्रेरित किया जा रहा है। साथ ही, पराली जलाने वालों पर भी एक्शन लिया जा रहा है। अब तक 273 केस दर्ज किए जा चुके हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि वायु प्रदूषण के लिए हरियाणा को जिम्मेदार ठहराने वालों को अपना भी गिरबां देखना चाहिए।
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