DDA vs MCD: मुस्तफाबाद बिल्डिंग हादसे के लिए कौन जिम्मेदार? यहां जानिये

Mustafabad Building Collapse: मुस्तफाबाद बिल्डिंग हादसे में चार लोगों की मौत हो चुकी है, जबकि 15 लोगों के फंसे होने की आशंका है। इस हादसे के चलते दिल्ली की राजनीति भी गरमा गई है। पढ़िये ये रिपोर्ट...;

By :  Amit Kumar
Update: 2025-04-19 07:47 GMT
who responsible for mustafabad building collapse
मुस्तफाबाद में इमारत ढहने के बाद की तस्वीरें।
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Mustafabad Building Collapse: दिल्ली के मुस्तफाबाद इलाके में चार मंजिला इमारत के ढहने से चार लोगों की मौत हो चुकी है, जबकि 15 लोगों के फंसे होने की आशंका है। रेस्क्यू टीमें लगातार मलबा हटाने में जुटी हैं। आसपास के लोग भी इस कार्य में मदद कर रहे हैं ताकि ज्यादा से ज्यादा लोगों की जान को बचाया जा सके। लेकिन, इस बड़े हादसे के बीच भी सियासत थमने का नाम नहीं ले रही है। आम आदमी पार्टी ने जहां इस हादसे के लिए डीडीए को जिम्मेदार ठहराया है, वहीं बीजेपी ने एमसीडी की भूमिका पर सवाल उठाए हैं। पहले जानिये सत्ता और विपक्ष के नेताओं का रिएक्शन...

आप ने कहा- मुस्तफाबाद हादसे के लिए डीडीए जिम्मेदार  
आम आदमी पार्टी हरियाणा इकाई के अध्यक्ष सुशील गुप्ता ने इस हादसे के लिए सीधे डीडीए को जिम्मेदार ठहरा दिया है। उन्होंने कहा कि दिल्ली में लंबे समय से अवैध निर्माण हो रहे हैं। देश आगे बढ़ रहा है, लेकिन डीडीए ने दिल्ली के लिए पिछले 25 सालों से मास्टर प्लान तक पेश नहीं किया। यहां हर जगह अवैध निर्माण हो रहे हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि दिल्ली के हर पड़ोसी राज्य ने अच्छी नीति बनाई है, लेकिन दिल्ली में ऐसी नीति नहीं बनी है। यहां लोग मंजिलों के ऊपर मंजिलें बना रहे हैं। इस पर ध्यान नहीं दिया जा रहा।

उन्होंने कहा कि निगम को अपनी ड्यूटी ठीक से निभानी चाहिए। डीडीए को हरियाणा, उत्तर प्रदेश और राजस्थान समेत देश के अन्य शहरों की तरह दिलली के लिए भी भूमि विकास नीति लानी चाहिए। उन्होंने इस हादसे पर शोक व्यक्त किया और मृतक और घायलों के प्रति अपनी संवेदनाएं व्यक्त कीं। 

बीजेपी बोली- मुस्तफाबाद हादसे के लिए एमसीडी जिम्मेदार 
दिल्ली विधानसभा के उपाध्यक्ष और मुस्तफाबाद के विधायक मोहन सिंह बिष्ट ने इस हादसे के लिए एमसीडी को जिम्मेदार ठहराया है। उन्होंने कहा कि तीन महीने पहले चुनाव जीतने पर इसी इलाके में गया था। मैंने उस समय कहा था कि यह बिल्डिंग ढह सकती है। लेकिन, इस पर ध्यान नहीं दिया गया। उन्होंने कहा कि पूरा मुस्तफाबाद ऐसी इमारतों से भरा पड़ा है। यहां अवैध इमारतें बनाई गई हैं। यहां घरों के अंदर बिजली के खंभे तक लगे हैं।

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उन्होंने आरोप लगाया कि एमसीडी और ऐसे विभाग भ्रष्टाचार में डूबे हैं। इस घटना ने उनकी पोल खोल दी है। उन्होंने कहा कि मैंने एलजी और एमसीडी कमिश्ननर से मांग की है कि लापरवाही बरतने वाले सभी अधिकारियों पर सख्त कार्रवाई होनी चाहिए।

DDA और MCD को लगी थी फटकार 
राजनीतिक दल भले ही सुविधा के अनुसार एक-दूसरे पर आरोप लगा रहे हैं, लेकिन दिल्ली हाईकोर्ट ने अवैध निर्माण को लेकर डीडीए और एमसीडी, दोनों को फटकार लगाई थी। मई 2024 में दिल्ली हाईकोर्ट ने कहा था कि दोनों विभाग अपने अपने एरिया का सर्वे कर अवैध निर्माण की सूची सब्मिट करें। उस वक्त कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश मनमोहन और न्यायमूर्ति मनमीत पीएस अरोड़ा की पीठ ने कहा था कि दिल्ली का सर्वेक्षण शुरू कराने के लिए अंतिम तिथि बताएं।

इस पर एमसीडी के वकील का कहना था कि प्रत्येक एजेंसी अपनी जमीन के लिए जिम्मेदार हैं, लेकिन अन्य भूमि मालिक एजेंसियों का दायरा होता है तो दोहराया जा सकता है। माननीय हाईकोर्ट को अवगत कराया गया था कि छह माह के भीतर सर्वेक्षण होगा और हर छह महीने में दोबारा से सर्वेक्षण सुनिश्चित किया जाएगा। बावजूद इसके दिल्ली में अभी तक ढेरों ऐसी खतरनाक इमारतें हैं, जिस पर सभी ने आंखें मूंद रखी हैं।

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