Yamuna Pollution: इन दिनों दिल्ली-एनसीआर में हवा तो दूषित है, लेकिन साथ ही प्रदूषण के कारण यमुना का भी दम घुट रहा है। यमुना में बढ़ता प्रदूषण लोगों के लिए भी घातक साबित हो रहा है। प्रदूषित हवा के कारण लोगों को सांस लेने में दिक्कत और खांसी जैसी समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। वहीं यमुना में बढ़ते प्रदूषण से कैंसर जैसी गंभीर बीमारी का सामना करना पड़ सकता है। 

बढ़ता प्रदूषण दे सकता है कैंसर को न्योता

पिछले 30 सालों से यमुना के प्रदूषण में बढ़ोतरी हो रही है। यमुना के पानी पर अध्ययन में काफी चिंताजनक तथ्य सामने आए हैं। बढ़ता प्रदूषण कैंसर को न्यौता दे सकता है। विशेषज्ञों का मानना है कि हिंडन नदी और यमुना नदी के पानी की क्वालिटी लगातार खराब हो रही है। इसको लेकर शोध की गई है। शोध में यमुना के ऊपरी सतह के पानी का  टेस्ट किया गया। यमुना नदी के पानी में भारी धातु और केमिकल प्रदूषण और उससे क्या जोखिम हो सकते हैं, इस बात का पता लगाया गया। इस जांच के लिए रसायन विज्ञान विधियों और विभिन्न प्रदूषण सूचकांक का उपयोग किया गया। 

क्यों खराब हुआ यमुना का पानी

यमुना और हिंडन नदी के जल के 56 सैंपल लिए गए। इनमें 28 प्री मॉनसून सीजन के सैंपल थे तो 28 पोस्ट मॉनसून सीजन के सैंपल लिए गए। इससे पता चला कि नदी का पानी कितना प्रदूषित है। इनके पानी में औद्योगिक कचरा, फर्टिलाइजर, कीटनाशक, सीवर का गंदा पानी पाया गया है। इससे नदी के पानी में कार्सिनोजेन बढ़ता है। इससे लोगों में कैंसर होता है।  नदी के पानी में आर्सेनिक बढ़ा हुआ था। आर्सेनिक बढ़ने से फेफड़े, त्वचाऔर मूत्राशय में कैंसर हो सकता है। इसके अलावा लिवर (एंजियोसारकोमा), किडनी और कई अन्य कैंसर भी हो सकता है। 

हो रही राजनीति

वहीं यमुना के पानी को लेकर दिल्ली में राजनीति चरम पर है। दिल्ली सरकार अपनी सरकार के 10 सालों में भी यमुना को साफ नहीं कर पाई है। ऐसे में भारतीय जनता पार्टी अक्सर उनका घेराव करती रहती है। हाल ही में दिल्ली भाजपा के अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा ने यमुना में डुबकी लगाकर अपनी नाराजगी जताई थी। 

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