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Hoax Bomb Threat Delhi: इस साल दिल्ली में बड़े पैमाने पर फर्जी बम की धमकियों के कॉल और मेल आए। इन धमकियों में खासकर स्कूल, अस्पताल और एयरपोर्ट को निशाना बनाया गया था। इसके चलते बहुत से लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ा।

Delhi Fake Bomb Threats: साल 2024 में दिल्ली-एनसीआर के अंदर बम की बहुत सी धमकियों की खबर सामने आई। बम की धमकियों का यह सिलसिला साल के आखिर तक भी चलता रहा, जिससे पूरे शहर में दहशत का माहौल बन गया था। आए दिन मिल रही धमकियों की वजह से लोगों को कई मुश्किलों का भी सामना करना पड़ा। इन बम की धमकियों में स्कूल और अस्पताल से लेकर एयरपोर्ट व मॉल सभी को निशाना बनाया गया। पुलिस ने इन मामलों की जांच की, जिसमें कुछ मामले सुलझ पाए, जबकि कुछ मामले राज बनकर रह गए। इससे दिल्ली पुलिस कार्यशैली और साथ ही लोगों की सुरक्षा व्यवस्था को लेकर पर भी सवाल उठाए गए।

सैकड़ों स्कूलों को मिली बम की धमकी

दिल्ली-एनसीआर में बम की धमकियों की घटना सबसे पहले 1 मई को शुरू हुई, जब एक साथ 100 से ज्यादा स्कूलों में बम की धमकी मिली। इन स्कूलों में दिल्ली के कई बड़े नामी स्कूल शामिल थे। इसके बाद 12 मई को 8 अस्पतालों और आईजीआई एयरपोर्ट को बम से उड़ाने की धमकी मिली। फिर 24 मई को दिल्ली यूनिवर्सिटी के कई कॉलेजों को बम से उड़ाने की भी धमकी आई थी।

मई के बाद अगले महीने में 21 अगस्त को एक साथ 100 अस्पतालों और एक शॉपिंग मॉल को उड़ाने की धमकी मिली। इतना ही नहीं, साल के आखिर में दिसंबर के पहले हफ्ते में दिल्ली पब्लिक स्कूल और जीडी गोयनका पब्लिक स्कूल समेत करीब 50 स्कूलों में मेल के जरिए बम की धमकी मिली थी।

कई मामलों में छात्र भी शामिल

पुलिस ने कड़ी कार्रवाई करते हुए इन धमकी वाले कॉल और मेल की गहनता से जांच की, लेकिन उसके बाद भी पुलिस सभी मामलों को सुलझा नहीं पाई। इस बीच 29 नवंबर को रोहिणी स्थित दो स्कूलों समेत पश्चिम विहार स्थित एक स्कूल में बम की धमकी मेल के जरिए मिली। साइबर सेल द्वारा जांच करने पर पता चला कि धमकी के मेल भेजने वाले इन्हीं स्कूलों के छात्र हैं। दो भाई और बहनों ने मिलकर धमकी का मेल भेजा था, पूछताछ में खुलासा हुआ कि परीक्षा की तैयारी न होने के कारण दोनों बम की धमकी मेल भेजे थे।

लेकिन ये छात्र नाबालिग थे, जिसकी वजह से उन्हें चेतावनी देकर छोड़ दिया गया। पुलिस ने एक मामले में 17 साल के स्कूल ड्रॉपआउट लड़के को गिरफ्तार किया था, उस पर आरोप लगाया गया था कि वह सोशल मीडिया अकाउंट के जरिए धमकी वाले मैसेज भेज रहा था।

पुलिस को जांच के दौरान काफी मुश्किलों का भी सामना करना पड़ा, क्योंकि धमकी वाले ईमेल भेजने के लिए आरोपियों ने वीपीएन का इस्तेमाल किया था, जिससे उनके आईपी एड्रेस का पता लगाना बहुत मुश्किल हो जाता है। इसके अलावा कई ऐसे मामले सामने आए, जहां ब्रेकअप के बाद नशे की हालत में पुलिस को बम की झूठी कॉल कर दी थी।  

धमकियों का हुआ बुरा असर

दिल्ली में बार-बार आने वाले धमकी भरे कॉल और मैसेज को लेकर पुलिस ने कहा कि इसका लोगों पर बहुत बुरा असर पड़ा है। इससे लोगों की जिंदगी अस्त-व्यस्त हो गई और साथ ही पुलिस के ऊपर काम का दबाव भी बढ़ गया। इसके कारण कई बार स्कूलों को खाली कराना पड़ा, कई विमानों को रद्द करने के साथ-साथ देरी का भी सामना करना पड़ा। सार्वजनिक जगहों पर ऐसी धमकियां मिलने से लोगों की सुरक्षा को लेकर भी चिंता बढ़ गई।

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