केंद्रीय मंत्री रूपला ने 23 मार्च को दिया था विवादित बयान
राजकोट के भाजपा प्रत्याशी पुरुषोत्तम रूपाला ने 23 मार्च को वाल्मिकी समाज के कार्यक्रम में क्षत्रिय समाज पर बयान दिया था। उन्होंने कहा था कि ब्रिटिश राज में तत्कालीन राजा-महाराजाओं ने विदेशी शासकों और अंग्रेजों के अत्याचार के आगे घुटने टेक दिए थे। कुछ ने तो अपनी बेटियों की शादी भी अंग्रेजों के साथ कर दी थी। लेकिन हमारी जाति के लोगों ने न धर्म परिवर्तन किया और न ही उनके साथ किसी तरह का लेन-देन किया। रूपाला की इस टिप्पणी पर गुजरात के क्षत्रिय समुदाय ने कड़ी आपत्ति जताई है, क्योंकि अधिकांश राजघराने राजपूत ही थे।
महाराणा प्रताप सेना का PM मोदी को पत्र
शनिवार को राजकोट में रैली निकालने के बाद क्षत्रिय समाज के लाखों लोगों ने नो भाजपा सरकार का संकल्प लिया। साथ महाराणा प्रताप सेना के राष्ट्रीय अध्यक्ष राजवर्धन सिंह परमार ने पीएम नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर केंद्रीय मंत्री रूपला से लिखित माफी मंगवाने की मांग की है।
रूपला बॉयकॉट के पोस्टर
केंद्रीय मंत्री रूपाला की इस टिप्पणी पर चुनाव आयोग ने राजकोट कलेक्टर से रिपोर्ट मांगी थी। कलेक्टर की रिपोर्ट के बाद आयोग ने उन्हें क्लीन चिट दे दिया। इसके बावजूद क्षत्रिय समाज झुकने को तैयार नहीं है। रूपला के घर के बाहर और भाजपा कार्यालय में समाज की महिलाओं ने जौहर करने की भी धमकी दी है। शहर में बॉयकॉट रूपाला के पोस्टर लगाए गए हैं।
समर्थन में उतरा पाटीदार समाज
केंद्रीय मंत्री रूपाला 26 मार्च के बाद तीन बार माफी मांग चुके हैं, लेकिन क्षत्रिय समाज लोकसभा का टिकट काटने पर अड़ा है। इधर, गुजरात का पाटीदार समाज भी रूपाला के समर्थन में उतर आया। पाटीदारों के प्रमुख संगठनों ने नेताओं ने बैठक कर रूपाला का समर्थन किया।