Rajkot Gaming Site Fire: गुजरात के राजकोट सिटी में टीआरपी गेम जोन में अग्निकांड मामले में पुलिस ने इसका संचालन करने वाले शख्स और एक मैनेजर को गैर इरादतन हत्या के आरोप में रविवार, 26 मई को गिरफ्तार कर लिया है। इस भीषण अग्निकांड में पल भर में 32 लोगों की मौत हो गई। मृतकों में 9 बच्चे भी शामिल हैं। जांच में सामने आया है कि गेम जोन के पास फायर सर्विस डिपार्टमेंट से एनओसी यानी अनापत्ति प्रमाण पत्र भी नहीं था। 

इस बीच गेमिंग साइट पर लगी आग का एक सीसीटीवी सोशल मीडिया पर सामने आया है। जिसमें वेल्डिंग के दौरान भड़की चिंगारी से गेम जोन में आग लगने की बात बताई जा रही है। वेल्डिंग से उठी चिंगारी प्लास्टिक के ढेर में लगी और इसके बाद लपटों ने गेम जोन को अपने चपेट में लिया। वहां मौजूद लोगों ने आग बुझाने का प्रयास किया, लेकिन नाकाम रहे। हालांकि इस वीडियो की अभी आधिकारिक पुष्टि नहीं की गई है। 

वीडियो में क्या है?
पांस से छह लोग भड़की आग को देखकर दौड़ते हैं। वे लोग आग को बुझाने का प्रयास करते हैं। फायर एक्सटिंग्विशर से गैस भड़की चिंगारी पर स्पे की जाती है। लेकिन वे नाकाम हो जाते हैं। पल भर में आग ने विकराल रूप अख्तियार कर लिया। आग की चपेट में आकर एंट्री गेट पर लगा एक अस्थाई ढांचा ढह गया। जिससे कई लोग फंस गए। गेम जोन में केवल एक आपातकालीन निकास था। बरामद किए गए अधिकांश शव जले हुए थे और उनकी पहचान के लिए डीएनए परीक्षण का आदेश दिया गया है।

गेम जोन के थे 6 पार्टनर, सभी पर केस दर्ज
पुलिस ने बताया कि बिना लाइसेंस के चल रहे गेम जोन के छह पार्टनरों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है। पुलिस ने कहा कि उन्होंने दो लोगों साइट के मालिक और प्रबंधक को गिरफ्तार किया है, जिनके पास अग्नि सुरक्षा प्रमाणपत्र भी नहीं था।

गुजरात हाई कोर्ट की एक विशेष पीठ ने शनिवार, 25 मई को हुए इस भीषण अग्निकांड मामले का स्वत: संज्ञान लेते हुए कहा कि यह प्रथम दृष्टया मानव निर्मित आपदा है। उन रिपोर्टों की ओर इशारा करते हुए जिनमें दावा किया गया था कि साइट उचित मंजूरी के बिना चल रही थी, अदालत ने यह भी कहा कि परिसर में अत्यधिक ज्वलनशील सामग्री - पेट्रोल, फाइबर और फाइबर ग्लास शीट का भंडार जमा किया गया था।

अब हरकत में आई पुलिस
गेमिंग जोन के पास संचालन के लिए लाइसेंस नहीं था और राजकोट नगर निगम से अग्नि मंजूरी का कोई रिकॉर्ड नहीं था। राज्य पुलिस प्रमुख ने निर्देश जारी किए हैं कि राज्य के सभी खेल क्षेत्रों का निरीक्षण किया जाए और अग्नि सुरक्षा अनुमति के बिना चल रहे खेल क्षेत्रों को बंद कर दिया जाए। मामले की जांच के लिए एक विशेष जांच दल का गठन किया गया है, जिसके 72 घंटे के भीतर अपनी रिपोर्ट सौंपने की उम्मीद है।

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