अंबाला: किसानों को रोकने के लिए शंभू बॉर्डर (Shambhu Border) पर लगी बैरिकेडिंग को तोड़ने के लिए मंगलवार को काफी देर तक हथौड़ा चलता रहा। बैरिकेडिंग तोड़ने की आवाज सुनकर यहां धरने पर बैठे किसान भी एकजुट हो गए। हालांकि बाद में बैरिकेडिंग हटाने की कार्रवाई बंद हो गई। किसानों का कहना है कि बॉर्डर हरियाणा सरकार की ओर से बंद किया गया है, इसलिए सरकार ही उसे हटा सकती है। किसानों ने कहा कि अगर सरकार खुद बैरिकेड हटाती है तो वे तय समय पर दिल्ली की ओर कूच करेंगे।

6 दिसंबर को दिल्ली कूच का है ऐलान

बता दें कि करीब दस महीने से शंभू बॉर्डर पर डटे किसानों ने छह दिसंबर को पैदल ही दिल्ली की ओर कूच करने का ऐलान किया है। इस ऐलान के बाद हरियाणा सरकार एक बार फिर चौकस हो गई। हालांकि ऐसा कहा जा रहा है कि सरकार इस बार पैदल किसानों के लिए बॉर्डर खोलने को तैयार है लेकिन ट्रैक्टर ट्रॉली के साथ किसी किसान को आगे जाने नहीं दिया जाएगा। इसी वजह से अब सरकार (Government) की ओर से बॉर्डर के एक हिस्से से बैरिकेडिंग हटाए जाने की कार्रवाई चल रही है। हालांकि अभी तक राज्य सरकार या फिर स्थानीय प्रशासन की ओर से बॉर्डर खोलने को लेकर किसी तरह की प्रतिक्रिया नहीं आई है।

अच्छी बात है कि बॉर्डर खोला जाए: तेजबीर

संयुक्त किसान मोर्चा के मीडिया प्रभारी तेजबीर सिंह पंजोखरा ने कहा कि मंगलवार को उन्होंने शंभू बॉर्डर पर बैरिकेडिंग हटाए जाने को लेकर हथौड़ा चलने की आवाज सुनी थी। जब वह बॉर्डर के पास पहुंचे तो हथौड़े की आवाज बंद हो गई। बॉर्डर खोला जाना चाहिए। बार्डर को राज्य सरकार ने बंद किया हुआ है। इससे अंबाला में कारोबार पूरी तरह से चौपट हो गया है। वाहन चालकों को भी दिक्कत हो रही है। किसान तय ऐलान के दौरान पैदल ही दिल्ली की ओर कूच करेंगे। अगर राज्य सरकार ने जबरन उन्हें रोकने का प्रयास किया तो इसकी पूरी जिम्मेदारी सरकार की होगी।