दादरी के अस्पताल में फर्जीवाड़ा : तीन कर्मचारियों ने ड्राइविंग लाइसेंस के मेडिकल की फर्जी रसीद छपवाकर किया बड़ा घोटाला, कई विभाग जांच में जुटे

Civil hospital employee accused of fraud arrested by Dadri police.
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दादरी पुलिस की गिरफ्त में फर्जीवाड़े का आरोपी सिविल अस्पताल का कर्मचारी।
चरखी दादरी सामान्य अस्पताल के कर्मचारियों द्वारा ड्राइविंग लाइसेंस के लिए मेडिकल के लिए काटे जाने वाली फीस के फर्जी रसीद छपवाकर गबन का मामला सामने आया है।

दादरी के सरकारी अस्पताल में फर्जीवाड़ा : चरखी दादरी सामान्य अस्पताल के कर्मचारियों द्वारा ड्राइविंग लाइसेंस के लिए मेडिकल के लिए काटे जाने वाली फीस के फर्जी रसीद छपवाकर गबन का मामला सामने आया है। जांच में एक महिला सहित 3 कर्मचारियों को दोषी पाया गया है। बीती रात पुलिस ने एक आरोपी कर्मचारी को गिरफ्तार किया है। आरोपी को अदालत में पेश कर एक दिन के रिमांड पर लिया है। ज्ञात रहे कि दादरी पुलिस को गुप्तचर विभाग के अतिरिक्त पुलिस महानिदेश कार्यालय से एक शिकायत मिली थी। शिकायत में बताया कि दादरी सामान्य अस्पताल के कर्मचारियों द्वारा ड्राइविंग लाइसेंस के लिए मेडिकल की 100 रुपये की ऑनलाइन रसीद की जगह मैनुअल फर्जी रसीद बुक छपवाकर फर्जीवाड़ा किया गया है।

2021 के आवेदनों में भी मिला फर्जीवाड़ा

शिकायत के बाद सामने आया कि ड्राइविंग लाइसेंस की 100 रुपये की मेडिकल फीस की मैनुअल रसीद फर्जी है। इसके बाद जांच को गंभीरता से शुरू किया। आरटीओ और एसडीएम कार्यालय में लाइसेंस के लिए मिले आवेदनों से अस्पताल का रिकॉर्ड खंगाला। इसके रिकॉर्ड को अस्पताल के रिकॉर्ड से मिलान किया, जिसमें फर्जी रसीद बुक छपवाकर फीस काटने की बात सामने आ गई। इसमें सामान्य अस्पताल को दो कर्मचारी व एक सिक्योरिटी गार्ड शामिल मिला। जांच में क्षेत्रीय परिवहन प्राधिकरण 1 अप्रैल से 31 जुलाई 2021 तक ड्राइविंग लाइसेंस के कुल 1196 आवेदन मिले थे। जिनमें 1176 आवेदकों के ड्राइविंग लाइसेंस की मेडिकल फीस 100 रुपये ऑनलाइन काटी गई। 20 आवेदकों के ड्राइविंग लाइसेंसों की फीस का रिकॉर्ड आनलाइन या मैनुअल नहीं मिला। इन आवेदकों की फीस फर्जी रसीद से काटी गई थी।

66 आवेदकों की फीस खा गए, और भी मिलेंगे केस

एसडीएम कार्यालय में ड्राइविंग लाइसेंस के 567 आवेदन मिले थे। इनमें 399 आवेदकों के ड्राइविंग लाइसेंसों के लिए ऑनलाइन फीस काटी, जबकि 68 आवेदकों में दो लोगों की लाइसेंस मेडिकल फीस रसीद मैनुअल काटी हुई मिली। 66 आवेदकों की फीस का कोई रिकॉर्ड नहीं मिला। कर्मचारियों ने इन आवेदकों की फीस फर्जी रसीद से काटकर गबन किया। ड्यूटी रोस्टर के मुताबिक सरकारी फीस काटने वाले कर्मचारी अजीत व अनूप तथा नोडल अधिकारी डॉ. आरोह शर्मा के बयान दर्ज किए गए। जांच में सामने आया कि ड्यूटी पर तैनात कर्मचारी मंजीत, प्रियंका व सिक्योरिटी गार्ड अनदीप ने मिलीभगत कर ड्राइविंग लाइसेंसों की मेडिकल फीस की फर्जी बिलबुक तैयार करवाई। उसी रसीद से सैकड़ों आवेदकों की फीस काटी गई। पुलिस ने आरोपी अनदीप को गिरफ्तार कर लिया, जिसे एक दिन के रिमांड पर लिया है।

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