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हरियाणा के चरखी दादरी में विनेश फोगाट के ओलंपिक से बाहर होने पर सन्नाटा पसरा हुआ है। विनेश की मां की आंखों से आंसू छलक रहे हैं, जबकि ताऊ महाबीर फोगाट ने भी इसे दुर्भाग्य बताया। गांव में युवाओं ने जश्न की तैयारी की थी, जो धरी रह गई।

प्रवीण शर्मा, चरखी दादरी: ओलंपिक में विनेश फोगाट से गोल्ड मेडल की उम्मीद थी। मंगलवार को फाइनल में प्रवेश करने के बाद विनेश के गांव में सामूहिक मैच देखने की तैयारियां पूरी कर ली गई थी। मगर विनेश फोगाट का वजन मेंटेन नहीं होने के कारण ओलंपिक से अयोग्य घोषित कर दिया गया। इस सूचना के बाद बलाली गांव में सन्नाटा पसर गया। परिजन व ग्रामीण इस पर यकीन नहीं कर पा रहे। गांव बलाली निवासी पंचायत समिति सदस्य सुमित शर्मा ने बताया कि इस बार विनेश फोगाट गोल्ड मेडल लेकर देश का नाम रोशन करती। मगर डिस्क्वालीफाई की सूचना से खेल प्रेमियों को गहरा सदमा लगा है। गांव युवाओं द्वारा जश्न की तैयारी की गई थी, जो धरी रह गई।

हमने दुर्भाग्य से पदक खोया
विनेश फोगाट के ताऊ द्रोणाचार्य अवॉर्डी महाबीर फोगाट ने कहा कि हमने एक पदक खो दिया। विनेश बेहतरीन खिलाड़ी है। इस बार ओलंपिक में वह पूरी लय के साथ खेल रही थी। विश्व की सर्वश्रेष्ठ महिला पहलवानों को मात देकर फाइनल में प्रवेश किया था। आज होने वाले मैच में विनेश फोगाट गोल्ड मेडल हासिल कर देश का गौरव बढ़ाती। मगर वजन अधिक होने के कारण अयोग्य घोषित हुई है। अब जो खेल के नियम हैं, वो सबके लिए बराबर हैं। हम सबके लिए यह खबर पीड़ादायक है।

मां की आंखों से छलके आंसू
विनेश फोगाट की उम्र मात्र 5 साल थी, तब उसके पिता का निधन हो गया था। पिता राजपाल फोगाट के निधन के बाद मां ने विनेश का लालन पालन किया। अनपढ़ मां ने बेटी को इस मुकाम तक पहुंचा दिया। मां सरला देवी को जब बेटी के डिस्क्वालीफाई होने की खबर मिली तो उनकी आंखों से आंसू छलक गए। मां ने कहा कि बेटी के साथ जो हुआ, वह सही नहीं है। विनेश ने काफी मेहनत की थी और वह स्वर्ण पदक जीतकर देश व गांव का मान बढ़ाती। उसके साथ ठीक नहीं हुआ।

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