फरीदाबाद: जिले में एक दिव्यांग महिला की दुष्कर्म के बाद नृशंस तरीके से हत्या करने के मामले में कोर्ट ने दोषी को फांसी की सजा सुनाई। दोषी ने न सिर्फ महिला का रेप किया, बल्कि उसके प्राइवेट पार्ट में रॉड डाल दी। इसके बाद गला घोंट कर उसकी हत्या कर दी। इस मामले में कोई चश्मदीद गवाह नहीं था। फोरेंसिक रिपोर्ट व अन्य साक्ष्य के आधार पर अतिरिक्त सेशन जज पुरुषोत्तम कुमार की कोर्ट ने मनोज नेपाली को फांसी की सजा व 1 लाख 5 हजार रुपए जुर्माना लगाया।
2022 में हुई थी वारदात
घटना वर्ष 2022 के नवंबर महीने में सेक्टर-7 थाने की है। जब एक महिला का शव सेक्टर सात के खंडहर के पास पार्क में मिला था। उस समय महिला अर्धनग्न अवस्था में थी, जिसके गले में चुन्नी कसी हुई थी। महिला के शव के पास एक वाइपर भी पड़ा था। पुलिस ने महिला के शव और आसपास से सबूत को जुटाकर इस घटना को अंजाम देने वाले आरोपी की तलाश में जुट गई। उसी समय थाना सेक्टर 8 के प्रभारी रहे दलबीर ने अज्ञात व्यक्ति के खिलाफ मामला दर्ज कर आरोपी की तलाश शुरू की।
सीसीटीवी के आधार पर पकड़ा आरोपी
पुलिस ने काफी तलाश के बाद सीसीटीवी के आधार पर आरोपी मनोज नेपाली को पकड़ा। मनोज नेपाली महिला के साथ जाता हुआ गुरुद्वारे के सामने से देखा गया था। जहां पर उसने अपना माथा भी टेका था। सीसीटीवी के आधार पर आरोपी को गिरफ्तार कर लिया। फोरेंसिक जांच में पाया कि आरोपी मनोज नेपाली का सीमन महिला के कपड़ों पर मिला था, जिसका डीएनए मैच हो गया। इसके आधार पर आरोपी को सजा सुनाई गई।
पति को बिना बताए घर से निकली थी मृतका
मृतका महिला दिव्यांग थी, जो अपने पति को बिना बताए घर से निकल गई थी और न्यू टाउन रेलवे स्टेशन पर पहुंच गई थी। यहां मनोज नेपाली से महिला का संपर्क हुआ। मनोज नेपाली छीना झपटी और शराब पीने का आदि था। मनोज नेपाली महिला को दुष्कर्म करने की नीयत से सेक्टर 7 इलाके में एक खंडहर जैसे पार्क में लेकर पहुंचा, जहां पर न केवल उसके साथ दुष्कर्म किया बल्कि उसके प्राइवेट पार्ट में रॉड डाल दी और चुन्नी से गला घोंट दिया।
मामले में 22 लोगों की हुई गवाही/> इस मामले में बड़ी बात यह थी कि इस घटना का कोई भी चश्मदीद गवाह नहीं था। मामला कोर्ट में चला और मामले में 12 तारीख पड़ी। इस मामले में 22 लोगों की गवाहियां हुई। बुधवार को सेशन जज पुरुषोत्तम कुमार ने टिप्पणी देते हुए आरोपी को फांसी की सजा सुनाई कि मानसिक दिव्यांग महिला के साथ किए गए दुष्कर्म और हत्या के जघन्य अपराध में आरोपी को माफ नहीं किया जा सकता।