Death in Play School: फरीदाबाद के प्ले स्कूल में मासूम की मौत का मामला, एक सप्ताह बाद पुलिस ने की ये कार्रवाई

Faridabad Crime News: हाल में फरीदाबाद के एक प्ले स्कूल में दो साल के बच्चे की संदिग्ध हालत में मौत का मामला सामने आया था। इस मामले में पुलिस ने एक्शन लेते हुए स्कूल को सील कर दिया है। साथ ही स्कूल के मालिक के खिलाफ नियमों की अवमानना का मुकदमा दर्ज किया गया है। आशंका जताई जा रही है कि बच्चों को खाने में नशे का सामान देकर सुलाया जाता था। हालांकि पुलिस बच्चों के ब्लड सैंपल की पूरी रिपोर्ट आने का इंतजार कर रही है।
क्या है मामला?
बता दें कि 11 अप्रैल को दोपहर के समय फरीदाबाद के सरस्वती कॉलोनी स्थित आर्मी प्ले स्कूल एवं क्रैच में सो रहे दो साल के मालूम नीतीश की मौत हो गई थी। सुबह 8 बजे उसके माता-पिता ने उसे स्कूल में छोड़ा था। इसके बाद 17 अप्रैल को बाल संरक्षण आयोग (CWC) की टीम ने आर्मी प्ले स्कूल एवं क्रैच का निरीक्षण किया। इस दौरान स्कूल के रजिस्ट्रेशन और व्यवस्थाओं में बहुत सी खामियां पाई गईं।
जांच में पाई गईं खामियां
जानकारी के अनुसार, जांच में पाया गया कि 50 गज के एक मकान में प्ले स्कूल चल रहा था। यहां लगभग 103 बच्चे थे। जांच के दौरान स्कूल में केवल 70 बच्चे पाए गए, जिनमें से लगभग 34 बच्चे एक कमरे में अंधेरे में सो रहे थे। इसके बाद स्वास्थ्य विभाग की टीम को मौके पर बुलाया गया। इनमें से एक बच्चे विराज को तेज बुखार से पीड़ित पाया गया था, जिसे बीके अस्पताल में भर्ती कराया गया।
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जांच के लिए भेजे गए खाने के सैंपल
इसके अलावा स्कूल में एक्सपायरी डेट की कोल्ड ड्रिंक पाई गई। साथ ही बासी गुंधा आटा और अन्य खाना पाया गया। ये खाना जांच के लिए खाद्य सुरक्षा विभाग को भेज दिया गया है। वहीं, अन्य 15 बच्चों की खून की जांच की गई। जांच में पाया गया कि स्कूल में सुरक्षा व्यवस्था नहीं थी। यहां तक कि प्ले स्कूल संचालक ने स्कूल के लिए सरकार या संबंधित विभाग से रजिस्ट्रेशन तक नहीं कराया था।
जिला उपायुक्त ने दी जानकारी
जिला उपायुक्त विक्रम सिंह ने मामले की जानकारी देते हुए बताया कि पल्ला थाना इलाके के सरस्वती कॉलोनी स्थित आर्मी पब्लिक स्कूल और क्रैच संबंधी शिकायत और निरीक्षण मामले को गंभीरता से लिया गया है। महिला एवं बाल विकास के अधिकारियों का कहना है कि जल्द वे इस स्कूल की रिपोर्ट पुलिस को सौंप देंगे। नियमों की अवहेलना मामले में स्कूलों की समीक्षा की गई।
बच्चे की देखभाल के लिए लेते थे 18 हजार रुपए प्रतिमाह
वहीं सूत्रों का कहना है कि इस स्कूल में मौजूद लगभग 15 बच्चों की बीके अस्पताल में खून की जांच कराई गई। डॉक्टरों की प्राथमिकी जांच में सामने आया कि बच्चों को खाने में नशे का पदार्थ मिलाकर खिलाया जाता था, जिसके कारण बच्चे बेसुध होकर घंटों सोते रहते थे। हालांकि पुलिस अधिकारियों का कहना है कि 3-4 दिनों में रिपोर्ट आएगी। ये भी सामने आया है कि स्कूल प्रबंधक बच्चों को रखने के लिए लगभग 18 हजार रुपए प्रति माह लेते थे। लगभग 18 बच्चे 24 घंटे स्कूल में ही रहते थे।
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