फरीदाबाद की एक अदालत ने अपनी बेटी से दुष्कर्म करने वाले पिता को 10 साल की सजा सुनाई है। वहीं, अदालत ने दोषी पर 60,000 रुपये का जुर्माना भी लगाया है। अदालत में बचाव पक्ष ने कई दलीलें दी, कोई भी दलील काम नहीं आई।
पुलिस के अनुसार, उत्तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी का रहने वाला 50 वर्षीय आरोपी बल्लभगढ़ में अपनी नाबालिग बेटी के साथ रहता था। बेटी की मां की बचपन में ही मृत्यु हो गई थी। पत्नी की मौत के बाद आरोपी ने अपनी बेटी के साथ लगातार चार साल तक शारीरिक संबंध बनाए। बेटी को किसी को बताने पर जान से मारने की धमकी दी जाती थी। बेटी जब बालिग हुई, तो उसने शादी कर ली।
शादी के कुछ समय बाद बेटी अपने पिता के घर लौट आई। इस कलयुगी पिता ने फिर से बेटी के साथ दुष्कर्म करना शुरू कर दिया। इसके बाद पीड़िता ने एक एनजीओ की मदद से पुलिस में शिकायत दर्ज करवाई। पुलिस ने 12 जून 2021 को मामला दर्ज आरोपी को गिरफ्तार कर लिया था।
बेटी से दुष्कर्म मामले में अदालत का फैसला
अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश हेमराज मित्तल की अदालत ने आरोपी को दोषी पाया और उसे 10 साल की सजा सुनाई। अदालत ने आरोपी पर 60,000 रुपये का जुर्माना भी लगाया। कानूनी सेल के वकील रविंद्र गुप्ता के मुताबिक, इस मामले में न्याय मिलने से पीड़िता को कुछ हद तक राहत मिली है।
महिलाओं के खिलाफ हिंसा के इतने मामले
दिल्ली निर्भया केस और कोलकाता डॉक्टर रेप केस समेत अनगिनत मामले सामने आ चुके हैं। बावजूद इसके रेप जैसी घटनाएं थमने का नाम नहीं ले रही। राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो के आंकड़े पर नजर डालें तो बेहद चिंताजनक स्थिति दिखती है। 2017 से 2022 के बीच रेप के बाद हत्या के 1,551 मामले दर्ज किए गए। इसका मतलब है कि हर सप्ताह औसतन 5 महिलाओं के साथ रेप के बाद हत्या की गई। ये आंकड़े बेहद चौंकाने वाले हैं और यह दर्शाते हैं कि महिलाओं के खिलाफ हिंसा कितनी गंभीर समस्या बन चुकी है।
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