क्या सभी 2666 किसान झूठे हैं? : फतेहाबाद में ओलावृष्टि से बर्बाद फसल का मांगा था मुआवजा, विभाग ने गिरदावरी में नुकसान को बताया जीरो

दिसम्बर मास में ओलावृष्टि से फसलों में हुए खराबे की गिरदावरी का काम पूरा हो गया है। राजस्व विभाग ने पोर्टल के माध्यम से अपनी रिपोर्ट सरकार को सौंपी है, जिसमें फसल के खराबे को शून्य माना गया है।;

Update: 2025-04-01 13:41 GMT
Crop damaged by hailstorm in Fatehabad in December. (File photo)
फतेहाबाद में दिसंबर में ओलावृष्टि से खराब हुई फसल। (फाइल फोटो)
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क्या सभी 2666 किसान झूठे हैं? : दिसम्बर मास में ओलावृष्टि से फसलों में हुए खराबे की गिरदावरी का काम पूरा हो गया है। राजस्व विभाग ने पोर्टल के माध्यम से अपनी रिपोर्ट सरकार को सौंपी है, जिसमें फसल के खराबे को शून्य माना गया है। यानि ई-क्षतिपूर्ति पोर्टल पर डाले गए खराबे के दावों को गिरदावरी रिपोर्ट में पूरी तरह झूठा पाया गया है। अधिकारियों का कहना है कि दरअसल जब ओलावृष्टि हुई थी, तब फसल की बिजाई को 2 से 3 सप्ताह ही हुए थे। ऐसे में ओलावृष्टि से फसल खराब होने की बजाय उन फसलों में उत्पादन ज्यादा हो रहा है। गिरदावरी रिपोर्ट में पटवारी से लेकर एसडीएम तक ने इसकी पुष्टि की है। वहीं, किसान नेता दावा कर रहे हैं कि खराबे के बाद किसानों ने गेहूं की दोबारा बिजाई की थी। इसलिए उन्हें मुआवजा मिलना चाहिए। 

13 गांवों में था नुकसान का अंदेशा, दावे 146 गांव से आए

27 दिसम्बर 2024 को ओलावृष्टि हुई तो 13 गांवों में फसल खराबे का अनुमान लगाया गया था। सरकार ने आदेश दिए कि जिन गांवों में फसल खराब हुई है, वह किसान अपने दावे ई-क्षतिपूर्ति पोर्टल पर डाल सकते हैं। तब जिले के 146 गांवों के 2666 किसानों ने खराबे के दावे किए थे। अब राजस्व विभाग ने अपनी रिपोर्ट में नुकसान शून्य पाया है। यानि कि अब ओलावृष्टि से खराब हुई फसल का किसी किसान को मुआवजा नहीं मिलेगा।

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जांच में पता चला कि ओलावृष्टि से फसल खराब नहीं हुई : राजस्व अधिकारी

जिला राजस्व अधिकारी श्याम लाल ने कहा कि पटवारियों की कमी के चलते गिरदावरी में थोड़ी देरी तो हुई लेकिन अब गिरदावरी पूरी हुई तो फसल भी पककर तैयार हो गई है। गिरदावरी टीम की रिपोर्ट आई तो पाया कि ओलावृष्टि से कहीं फसल में खराबा नहीं हुआ है। जिले में जब ओलावृष्टि हुई थी तो प्रारंभिक रिपोर्ट में 13 गांवों में ओलावृष्टि से फसल खराबे की रिपोर्ट मिली थी। इसके बाद ई-क्षतिपूर्ति पोर्टल पर 146 गांवों के 2666 किसानों ने अपनी फसल में खराबा बताया था। पटवारियों ने गिरदावरी का काम पूरा कर लिया है। गिरदावरी टीम ने जांच में पाया कि जिले में ओलावृष्टि से कहीं कोई फसल खराब नहीं हुई है। अब मण्डियों में फसल आ रही है तो इसका प्रैक्टिकल में भी अंदाजा लगाया जा सकता है। गिरदावरी रिपोर्ट सरकार को भेज दी गई है।

गेहूं की फसल की दोबारा बिजाई करनी पड़ी थी : मनदीप

पगड़ी संभाल जट्टा किसान संघर्ष के प्रदेश अध्यक्ष मनदीप नथवान ने कहा कि सरकार की किसान विरोधी नीति है, दिसम्बर में ओले गिरने से सैकड़ों किसानों की फसल खराब हो गई थी। किसानों को गेहूं की दोबारा बिजाई करनी पड़ी थी, इससे उनकी लागत भी बढ़ गई। अब गिरदावरी रिपोर्ट में किसानों के साथ पटवारियों और अधिकारियों ने धोखा किया है। इससे पहले 2022 के मुआवजा के समय भी सरकार ने ऐसा ही किया था। 3 साल हो गए, अभी तक पिछला मुआवजा भी प्रभावित किसानों को नहीं मिला।

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