Haryana Assembly Elections: हरियाणा में जेजेपी को एक और बड़ा झटका लगा। कहा जा रहा है कि दो दिनों में लगातार जेजेपी को चार बड़े झटके लग चुके हैं। टोहाना के विधायक एवं पूर्व मंत्री देवेन्द्र बाली और शाहाबाद के विधायक एवं शुगरफैड के चेयरमैन रामकरण काला ने पार्टी से इस्तीफा दे दिया है। साथ ही गुलहा चक्का के विधायक ईश्वर सिंह ने भी पार्टी को अलविदा कह दिया है। इससे पहले शुक्रवार को ही अनूप धानक ने भी अपना इस्तीफा अजय चौटाला को भेज दिया था। जेजेपी में इस उथल-पुथल के बाद सबकी निगाहें फिर से दुष्यंत चौटाला पर टिकी हुई है।
दरअसल, साल 2019 के चुनावों के बाद किंगमेकर के रूप में दुष्यंत चौटाला उभरे थे। उनकी जननायक जनता पार्टी (JJP) ने बीजेपी को गठबंधन सरकार बनाने में मदद की थी, लेकिन इस साल लोकसभा चुनावों से पहले बीजेपी द्वारा बाहर किए जाने और लगातार गिरते चुनावी ग्राफ के बीच, दुष्यंत के सामने विधानसभा चुनाव एक बड़ी चुनौती बनती जा रही है।
अजय चौटाला के वफादार ये अनूप
अप्रैल में दुष्यंत को एक और झटका देते हुए जेजेपी के प्रदेश अध्यक्ष निशान सिंह ने पार्टी छोड़ दी और कांग्रेस में शामिल हो गए थे। वहीं, शुक्रवार को जेजेपी के उकलाना विधायक अनूप धानक, जो दुष्यंत के पिता अजय चौटाला के वफादार माने जाते थे, उन्होंने भी व्यक्तिगत कारणों का हवाला देते हुए पार्टी को अलविदा कह दिया।
Also Read: हरियाणा में एक अक्टूबर को होंगे विधानसभा चुनाव, लागू हुई आचार सहिंता
चुनाव की तारीखों का ऐलान
वहीं, हरियाणा में शुक्रवार को विधानसभा चुनावों की तारीखों का ऐलान कर दिया गया। इसके लिए चुनाव आयोग ने दिल्ली में दोपहर 3 बजे प्रेस कॉन्फ्रेंस बुलाई थी। इसके चलते नायब सिंह सैनी ने भी अपनी कैबिनेट मीटिंग का समय बदल दिया था। पहले यह बैठक 11 बजे बुलाई थी, लेकिन इसका समय बदलकर सुबह 9 बजे कर दिया गया था। सीएम ने चंडीगढ़ में प्रेस वार्ता कर इस बात की घोषणा की थी और आज शनिवार को यह मीटिंग संपन्न हुई, जिसमें गई फैसले लिए गए।