FIR Against Whatsapp Directors: गुरुग्राम पुलिस ने व्हाट्सएप निदेशकों के खिलाफ केस दर्ज कर लिया है। व्हाट्सएप निदेशकों पर आरोप है कि एक केस में अपराधी को कानूनी सजा से बचाने के लिए सबूत के तौर पर पेश किए जाने वाले दस्तावेज या इलेक्ट्रॉनिक रिकॉर्ड को नष्ट करने की कोशिश की गई है। पुलिस ने संबंधित धाराओं के तहत व्हाट्सएप निदेशक के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर जांच में जुट गई है।
पुलिस ने किस केस से संबंधित जानकारी मांगी
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, व्हाट्सएप ने एक जांच से जुड़े तीन अकाउंट के बारे में जानकारी देने से इनकार करते हुए जांच में सहयोग नहीं किया है। ऐसे में व्हाट्सएप पर अपराधी को बचाने की साजिश करने के आरोप लगाए जा रहे हैं। एक इंस्पेक्टर की शिकायत पर साइबर पुलिस स्टेशन में यह एफआईआर दर्ज की गई है। व्हाट्स द्वारा जिस केस में अपराधी को बचाने की साजिश के आरोप लगे हैं, यह केस 27 मई को दर्ज किया गया था। गुरुग्राम पुलिस ने आरोपियों द्वारा इस्तेमाल किए गए सभी चार नंबरों की जानकारी व्हाट्सएप से मांगी थी। इसके लिए 17 जुलाई को व्हाट्सएप को नोटिस भेजा गया था।
कई बार मांगने के बाद भी नहीं दी जानकारी
इसके बाद व्हाट्सएप की ओर से 19 जुलाई को इन नंबरों का उपयोग करके की गई आपराधिक गतिविधियों की विशिष्ट प्रकृति के बारे में स्पष्टीकरण मांगा गया और आपत्ती भी जताई गई। इसके बाद पुलिस ने फिर से 25 जुलाई को एक विस्तृत प्रतिक्रिया भेजी थी, इसके साथ ही उन नंबरों के बारे में जानकारी मांगी गई, लेकिन व्हाट्सएप ने फिर से आपत्ति जताई। इसके बाद पुलिस की ओर से 8 अगस्त को फिर से व्हाट्सएप को नोटिस भेजा गया और कहा कि यह काफी जरूरी है। मामले में तत्काल कार्रवाई की जरूरत है। लेकिन 28 अगस्त को व्हाट्सएप ने फिर से अनुरोध को अस्वीकार कर दिया।
इस मामले पर व्हाट्सएप का पक्ष
पुलिस द्वारा दर्ज की गई शिकायत में कहा कि संवैधानिक रूप से जारी आदेश के बाद भी व्हाट्सएप ने जानकारी देने से इनकार कर दिया। व्हाट्सएप ने भारत के कानून को तोड़ा और अपराधियों को उकसाने का काम किया है। इस मामले में व्हाट्सएप का कहना है हमारे ऐप का 3 बिलियन यूजर्स हैं। व्हाट्सएप का अपना कानून होता है कि किसी के रिकॉर्ड का खुलासा करना है या नहीं। इसके अलावा जानकारी देने से पहले हम आकलन करेंगे कि अनुरोध अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मान्यता प्राप्त मानकों के अनुरूप हैं या नहीं।इसमें उचित प्रक्रिया और कानून का शासन शामिल है या फिर नहीं।
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