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यह तो सुना था कि अंहकार इंसान को अंधा बना देता है। हरियाणा के नारनौंद में कांग्रेस की रैली में कुछ ऐसा ही देखने को मिला। मंच से नेताजी भाषण देकर अपनी राजनीति चमका रहे थे, उसी मंच के सामने तड़प तड़प कर एक युवक ने जान दे दी और मृतक के परिवार को सात्वना देना तो दूर कांग्रेस नेताओं व उनके समर्थकों के मुंह से ऊफ तक नहीं निकली।

Durty politics of congress candidate, Narnond। हिसार की नारनौंद विधानसभा सीट से कांग्रेस उम्मीदवार जस्सी पेटवाड़ की रैली के मंच के पास बिजली का करंट लगने से एक युवक की मौत हो गई। गांव बास बादशाहपुर निवासी वीरभान अपने पिता के साथ वीरवार को अनाज मंडी में आयोजित कांग्रेस उम्मीदवार जस्सी पेटवाड़ की रैली में आया था। वो भाषण के दौरान वीरभान मंच के पास खड़ा था। अचानक मंच के पास रखे लोहे के पाइप में आए करंट ने उसे अपनी चपेट में लिया।

मंच पर मौजूद कांग्रेस उम्मीदवार सहित सभी नेताओं को मंच के पास हुए हादसे की तत्काल जारी मिल गई, परंतु नेताओं ने करंट लगने से जमीन पर गिरकर तड़प रहे युवक को अस्पताल पहुंचाने की बजाय मंच से न केवल भाषण जारी रखा रखा, बल्कि पंडाल में मौजूद दूसरे लोगों से घटना की जानकारी छुपाने के लिए एक सामान्य घटना होने की बात मंच से बार-बार दोहराई गई। सत्ता के लिए वोट बटारने के लिए राजनीति के गंदे खेल से परिवार को अपना 27 साल का बेटा खोना पड़ा।

Narnond
नारनौंद। हादसे के बाद भी रैली स्थल पर आतिशबाजी करते कांग्रेस उम्मीदवार के समर्थक।

राजनीति से हारी इंसानियत व मानवता 
कांग्रेस पार्टी के दो बड़े नेता अपने चुनावी भाषणों में दूसरों को इंसानियत व मानवता का पाठ पढ़ाते हैं। वीरवार को जब नारनौंद में मंच के सामने तड़प तड़प कर युवक अपनी जान गंवा रहा था, तब हरियाणा दौरे पर आए कांग्रेस के सबसे बड़े नेता राहुल गांधी महेंद्रगढ़-नारनौल में रैली के मंच से पंडाल में मौजूद लोगों को मानवता व भाईचारे का पाढ़ पढ़ा रहे थे। उससे एक दिन पहले जुलाना में दूसरी सबसे बड़ी नेता प्रियंका गांधी ने भी अपने भाषण में कुछ ऐसे ही शब्दों से जनता को रिझाने का प्रयास किया था। सांसद दीपेंद्र हुड्डा हादसे के बाद मंच पर आए और जस्सी पेटवाड़ के पक्ष में चुनावी सभा को संबोधित किया, परंतु उनके मुंह से जान गंवाने वाले 27 वर्षीय युवक वीरभान व उसके परिवार की संवेदना में एक शब्द तक नहीं निकला। इतना नहीं कांग्रेस नेताओं के दबाव के चलते अपना जवान बेटा खोने वाले परिवार को बिना पोस्टमार्टम करवाए ही शव का अंतिम संस्कार करना पड़ा।

तड़प रहा था युवक, जस्सी के लिए बज रही थी तालियां
जब पिलर में आए करंट से जमीन पर पड़ा युवक तड़प रहा था, उसी समय कांग्रेस उम्मीदवार की पत्नी शिल्पा जस्सी पेड़वाड़ के समर्थन में मंच से नारे लगवा रही थी। हादसे के बाद भीड़ में मची भगदड़ को रोकने के लिए मंच पर मौजूद जस्सी पेटवाड़ खुद बार-बार हाथ में माइक लेकर सब कुछ ठीक ठाक होने की बात कहते हुए भीड़ को व्यवस्था बनाए रखने को कह रहे थे। जैसे जैसे पंडाल में मौजूद लोगों को हादसे का पता चलता गया तो अव्यवस्था बढ़ने पर मंच से नेताजी को करंट लगने से जमीन पर पड़े-पड़े तड़प रहे युवक को अस्पातल ले जाने की बात कहनी पड़ी, परंतु तब तक काफी देर हो चुकी थी और अस्पताल में पहुंचने के बाद डॉक्टरों ने जांच के बाद वीरभान को मृत घोषित कर दिया।

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नारनौंद। हादसे के बाद मंच पर संबोधन करती कांग्रेस उम्मीदवार की पत्नी शिल्पा व लोगों को शांत करते कांग्रेस नेता।

जिंदगी से ज्यादा राजनीति प्यारी
रैली में मंच के सामने जब युवक तड़प रहा अगर तभी उसे संभाल लिया जाता तो उसकी जान बच सकती थी, लेकिन वोट पाने और खुद को बड़ा नेता दिखाने की होड़ ने मासूम की जान ले ली। किसी ने उसकी तरफ देखा ही नहीं। यदि उसे समय पर अस्पताल पहुंचा देते तो शायद वीरभान आज जिंदा होता। यह पहला मामला नहीं है। टिकट मिलने के बाद कांग्रेस की बड़ी दलित नेता कुमारी सैलजा के खिलाफ एक समर्थक द्वारा की गई व्यक्तिगत टिप्पणी के बाद भी कांग्रेस उम्मीदवार उसका बचाव करते नजर आए थे। अपने खुद के गांव में दूसरी पार्टी के उम्मीदवार को स्वागत करने पर समर्थकों द्वारा एक बुजुर्ग की टांग तोड़ने का मामला भी सोशल मीडिया पर वायरल हो चुका है।

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