Hisar farmer death: हिसार जिले के उकलाना क्षेत्र के गांव भिखेवाला से हाल ही में एक किसान के आत्महत्या की खबर सामने आई थी। किसान रामभगत ने उकलाना की नई अनाज मंडी में कीटनाशक पीकर जान दे दी थी। इस पर परिजनों का कहना था कि रामभगत को डीएपी खाद नहीं मिल रही थी, जिसके कारण वो परेशान था और उसने आत्महत्या कर ली। 

सीएम को सौंपी गई गलत रिपोर्ट

इस मामले को सदन में जोरों-शोरों से उकलाना हलका विधायक नरेश सेलवाल ने विधानसभा सत्र के दौरान उठाया था। इस मामले में सीएम सैनी ने जवाब देते हुए कहा कि भिखेवाला गांव के किसान रामभगत के नाम पर गांव में कोई जमीन नहीं है और न ही उसका 'मेरी फसल मेरा ब्यौरा' पर पंजीकरण करवाया गया है। इस मामले को लेकर अब उकलाना हलका के विधायक नरेश सेलवाल और मृतक किसान के परिजन सामने आ गए हैं।

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खुद की जमीन है, तभी बना कृषि कार्ड

परिजनों का कहना है कि अधिकारियों ने सीएम सैनी  को गलत रिपोर्ट दी है और जानकारी न होने के कारण मुख्यमंत्री ने सदन को गुमराह किया है। परिजनों ने बताया कि मृतक किसान रामभगत के नाम पर गांव भिखेवाला और दनोदा में मिलाकर दो एकड़ खेती की जमीन है और तीन एकड़ जमीन ठेके पर लेकर खेती करता था। इसके लिए उसे 55 हजार रुपए प्रति एकड़ मिलता था।

उसकी खुद की दो एकड़ जमीन के आधार पर बैंक से कृषि कार्ड बनवाकर लोन भी लिया है। कृषि कार्ड केवल उन्हीं किसानों का बनता है जिनके पास उनकी खुद के नाम जमीन होती है। ऐसे में मुख्यमंत्री ऐसा कैसे कह सकते हैं कि रामभगत के नाम पर खेती की जमीन नहीं है।

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क्या बोले उकलाना हलका विधायक नरेश सेलवाल

इस मामले में उकलाना हलका विधायक नरेश सेलवाल ने कहा कि जिन अधिकारियों ने मुख्यमंत्री को गलत रिपोर्ट दी है, उनके खिलाफ जांच होनी चाहिए। उनकी गलत रिपोर्ट के कारण मुख्यमंत्री ने सदन में झूठ बोल दिया और इससे अन्य विधायक गुमराह हो गए। साथ ही उन्होंने मृतक के परिवार के लिए मदद की गुहार लगाते हुए कहा कि पीड़ित परिवार के कृषि कार्ड पर हुए लोन को माफ किया जाए। 

2022 में नाम हुई थी जमीन

विधायक ने कहा कि साल 2022 में रामभगत के पिता की मौत हो गई थी। इसके बाद उसकी पैतृक जमीन रामभगत के नाम कर दी गई थी। उस जमीन पर रामभगत ने कृषि कार्ड बनावाया था। इस कार्ड के आधार पर डेढ़ लाख रुपए लोन भी लिया है। ऐसे में अधिकारियों ने गलत रिपोर्ट कैसे सौंप दी। उन्होंने मुख्यमंत्री से इस मामले की जांच कराने की और पीड़ित परिवार की आर्थिक रूप से मदद करने की मांग की है।

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