हिमपुत्री का सीएम को ट्वीट : विश्व की 23 ऊंची चोटियां चढ़ने में सबसे आगे रही ट्रैक्टर मिस्त्री की बेटी, सरकारी मदद में पीछे

हिमपुत्री ने सीएम को किया ट्वीट : हरियाणा के हिसार में ट्रैक्टर मिस्त्री की बेटी ने विश्व की बड़ी-बड़ी 23 चोटियों को चढ़ने में तो सबसे ज्यादा तेजी दिखाई, लेकिन सरकारी मदद मिलने में सबसे पिछड़ गई। बरवाला ब्लाक के बालक गांव की 36 साल की रीना भट्टी भारत की सबसे तेज पर्वतारोही हैं, जिन्होंने एक साथ एवरेस्ट और ल्होत्से दोनों चोटियों को मात्र 20.50 घंटे में फतेह कर एक नया राष्ट्रीय रिकॉर्ड बनाया। सरकार की पॉलिसी के अनुसार रीना ने विधायक से लेकर सीएम तक से गुहार लगाई, लेकिन कहीं सुनवाई नहीं हुई। रीना ने वीरवार को मुख्यमंत्री, खेल मंत्री और अन्य के नाम पत्र लिखकर और ट्वीट कर सरकार से ए ग्रेड की नौकरी और आर्थिक मदद की गुहार लगाई है।
सीएम को किया भावनात्मक ट्वीट, एक बेटी को सहारा चाहिए
ट्वीट करते हुए रीना भट्टी ने लिखा कि मैं रीना भट्टी, हिंदुस्तान की सबसे तेज पर्वतारोही हरियाणा में हिसार के बालक गांव की ट्रैक्टर मिस्त्री की बेटी हूं। दुनिया की सबसे ऊंची चोटी एवरेस्ट और ल्होत्से को एक साथ सबसे कम समय में फतेह किया। इसके अलावा बीते 5 वर्षों में 20 से ज्यादा देश और विदेश में चोटियों पर तिरंगा लहराया। बीते दिनों बेटियों के लिए आपका स्नेह देख, हिम्मत और उम्मीद जगी है…। बस एक आस है कि मेरी उपलब्धियों को भी मान दें, ए ग्रेड नौकरी और आर्थिक सहारा देकर एक बेटी का संबल बनें। एक बेटी को सरकार की पहचान और सहारा चाहिए ताकि आगे की पर्वतारोहण यात्राओं के लिए समर्थन और आशीर्वाद मिलता रहे। सरकार की पहचान और साथ से एक बेटी और कई बेटियां उड़ान भरेंगी। मेरी कामयाबियां सिर्फ मेरी नहीं, पूरे देश की जीत है। बस जरूरत है उन्हें सराहे जाने की, पहचाने जाने की।
हिमपुत्री रीना के नाम ये भी बड़ी उपलब्धियां
हिमपुत्री के नाम से प्रसिद्ध रीना भट्टी ने पिछले पांच वर्षों में विश्व की सबसे ऊंची चोटी माउंट एवरेस्ट सहित कुल 20 से ज्यादा पर्वत चोटियों को फतेह किया, जो एक नया राष्ट्रीय रिकॉर्ड है। रीना ने हर घर तिरंगा अभियान के अंतर्गत 15 अगस्त 2022 को यूरोप की सबसे ऊंची चोटी माउंट एल्ब्रुस (पश्चिम – 5642 मीटर, पूर्व – 5621 मीटर) को दोनों दिशाओं से 24 घंटे में फतेह कर तिरंगा लहराया। इसके साथ ही वह भारत की पहली महिला बनीं, जिसने स्नो लेपर्ड पीक – पीक लेनिन (7134 मीटर), किर्गिस्तान में फतेह की। उन्होंने कहा कि मैं हरियाणा राज्य की पहली महिला बनीं जिसने माउंट कांग यात्से (6270 मीटर) और माउंट जो जोंगो (पश्चिम 6240 मीटर) को 70 घंटों में फतेह किया और दोनों चोटियों पर तिरंगा लहराया। इसके अलावा, मैंने दुनिया की सबसे तकनीकी चोटी माउंट आमा दबलम (6812 मीटर) की भी सिर्फ़ 5 दिनों में चढ़ाई की, जो नेपाल में स्थित है। उन्होंने बताया कि वह “Depression Against Running” नामक विश्व की सबसे लंबी रिले दौड़ में शामिल हुईं और ऑक्सफ़र्ड वर्ल्ड रिकॉर्ड में 10,000 पुश-अप्स पूरा करने के लिए नाम दर्ज करवाया।
पहली बार एवरेस्ट फतेह में 50 मीटर से चूकीं, दोबारा हिम्मत की तो रचा इतिहास
रीना भट्टी ने कहा कि लड़कियां सिर्फ़ सपने नहीं देखतीं, बल्कि उन्हें पूरा करने की हिम्मत भी रखती हैं। मैंने माउंट एवरेस्ट (दुनिया की सबसे ऊंची चोटी) और माउंट ल्होत्से (चौथी सबसे ऊंची चोटी) को केवल 20.5 घंटे में एक साथ 2024 में फतेह कर नया राष्ट्रीय रिकॉर्ड बनाया और भारत की सबसे तेज़ महिला पर्वतारोही बन गईं। उन्होंने बताया कि माउंट एवरेस्ट फतेह करना इतना आसान नहीं था। 2023 में पहली बार माउंट एवरेस्ट मिशन की शुरुआत की थी, लेकिन तकनीकी और मौसम की परेशानियों के कारण मुझे एवरेस्ट की चोटी से सिर्फ़ 50 मीटर पहले लौटना पड़ा। यह घटना मेरे लिए एक बुरे सपने जैसी थी। लेकिन समाज और परिवार के सहयोग से मुझे दोबारा हिम्मत मिली। मई 2024 में मैंने एवरेस्ट और ल्होत्से को लगातार 20.5 घंटों में चढ़कर एक नया राष्ट्रीय रिकॉर्ड बनाया।
अमरनाथ यात्रा से एवरेस्ट तक का सफर लड़कियों के लिए प्रेरणादायक
रीना भट्टी उन लड़कियों व महिलाओं के लिए भी एक प्रेरणा हैं, जो उम्र के पड़ाव के बाद सरेंडर कर देती हैं। रीना ने बताया कि 2017 में वे अमरनाथ यात्रा पर गई थीं। वहां से उन्हें पर्वतारोहण का शौक लगा। उस समय मेरी उम्र करीब 24 वर्ष थी। हर देहाती परिवार की तरह उनकी भी शादी के बारे में सोचा जा रहा था, लेकिन उन्होंने अपने परिवार को मनाया। परिवार ने बेटी का पूरा साथ देते हुए उसे पर्वतारोहण की इजाजत दे दी। इसी हौसले व समर्थन का नतीजा रहा कि उनकी पहचान देश की सबसे तेज पर्वतारोहियों में हो रही है।
विधायक से लेकर सीएम तक लगा चुकी मदद की गुहार
कंप्यूटर साइंस में मास्टर रीना भट्टी ने 2024 में एवरेस्ट फतेह के बाद विधायक से लेकर सीएम नायब सिंह सैनी तक से पॉलिसी के अनुसार मदद की गुहार लगाई। पूर्व में कई पर्वतारोहियों को सरकार द्वारा नौकरी और प्रोत्साहन दिया गया है, जिससे उनका मनोबल बढ़ा है। मैं भी अपनी कठिनाइयों की मान्यता और समर्थन चाहती हूं। उन्होंने कहा कि मेरी सरकार से विनम्र अपील है कि मेरी उपलब्धियों को देखते हुए मुझे ए ग्रेड की सरकारी नौकरी और आर्थिक सहायता प्रदान की जाए। मैंने राज्य और देश का नाम गौरव से ऊंचा किया है। जैसे आप बेटियों के हित में प्रगतिशील निर्णय ले रहे हैं, मुझे विश्वास है कि मेरी उपलब्धियों को भी आप नजरअंदाज़ नहीं करेंगे।
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