कच्चे शिक्षकों की नौकरी पर पक्का खतरा : बरवाला में टीजीटी-पीजीटी अध्यापकों का प्रदर्शन, मंत्री रणवीर सिंह गंगवा से मिले

हरियाणा में कौशल रोजगार निगम के तहत लगे शिक्षकों की नौकरी पर संकट बढ़ता जा रहा है। प्रदेश के हिसार जिले के बरवाला में रविवार को हरियाणा कौशल शिक्षक संगठन ने प्रदर्शन कर मांगों का ज्ञापन प्रदेश के कैबिनेट मंत्री रणवीर सिंह गंगवा को सौंपा।;

By :  Ajay
Update: 2025-04-06 12:22 GMT
Teachers protesting in Barwala, Hisar demanding reinstatement.
हिसार के बरवाला में नौकरी बहाली की मांग को लेकर प्रदर्शन करते अध्यापक।
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शिक्षकों की नौकरी खतरे में : हरियाणा में कौशल रोजगार निगम के तहत लगे शिक्षकों की नौकरी पर संकट बढ़ता जा रहा है। प्रदेश के हिसार जिले के बरवाला में रविवार को हरियाणा कौशल शिक्षक संगठन ने प्रदर्शन कर मांगों का ज्ञापन प्रदेश के कैबिनेट मंत्री रणवीर सिंह गंगवा को सौंपा। प्रदर्शन का मुख्य कारण शिक्षा विभाग में काम कर रहे टीजीटी और पीजीटी अध्यापकों को अचानक नौकरी से हटाना रहा। संगठन ने इसे गलत करार देते हुए इस पर तत्काल रोक लगाने की मांग की।

टीजीटी और पीजीटी अध्यापकों की चिंता

हरियाणा कौशल शिक्षक संगठन के पदाधिकारियों ने आरोप लगाया कि मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने चुनाव के दौरान वादा किया था कि हरियाणा कौशल रोजगार निगम के तहत जिन कर्मचारियों को नियुक्त किया गया है, उन्हें नौकरी से नहीं हटाया जाएगा और उनको जॉब गारंटी दी जाएगी, लेकिन अब टीजीटी और पीजीटी अध्यापकों को अचानक नौकरी से हटाया जा रहा है, जिससे न केवल उनके भविष्य पर संकट उत्पन्न हो गया है, बल्कि छात्रों की शिक्षा भी प्रभावित हो रही है। 

छात्रों के भविष्य पर पड़ सकता है प्रतिकूल असर 

संगठन के नेताओं ने बताया कि कई स्कूलों में पहले से ही कौशल रोजगार निगम के तहत टीजीटी और पीजीटी अध्यापक काम कर रहे थे, लेकिन अब अचानक उन्हें रिलीव किया जा रहा है। यह स्थिति विद्यार्थियों की शिक्षा में विघ्न उत्पन्न कर रही है। टीजीटी और पीजीटी की कमी के कारण स्कूलों में पढ़ाई का स्तर गिर सकता है, जिससे छात्रों के भविष्य पर प्रतिकूल असर पड़ सकता है।

संगठन की प्रमुख मांगें

1-टीजीटी और पीजीटी अध्यापकों की नौकरी को सुरक्षित किया जाए।
2-उन्हें स्थायी नियुक्ति दी जाए और अन्य स्कूलों में समायोजित किया जाए।
3-प्रदेशभर के स्कूलों में शिक्षकों की कमी को देखते हुए कौशल रोजगार निगम के तहत काम कर रहे कर्मचारियों को काम पर रखा जाए।
4-संगठन के नेताओं का कहना है कि प्रदेश के स्कूलों में अभी भी कई अध्यापकों के पद खाली हैं और अगर इन कर्मचारियों को अन्य स्कूलों में समायोजित किया जाता है तो इससे न केवल शिक्षकों को रोजगार मिलेगा, बल्कि छात्रों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा भी प्राप्त होगी।

मंत्री गंगवा से बहाली की मांग 

संगठन के पदाधिकारियों ने मंत्री रणवीर सिंह गंगवा से अपील की है कि वह इस मुद्दे पर शीघ्र कार्रवाई करें और सरकार द्वारा किए गए वादों को पूरा किया जाए। उनका कहना है कि अगर सरकार ने वादा किया था कि कौशल रोजगार निगम के तहत काम कर रहे कर्मचारियों को नौकरी से नहीं हटाया जाएगा, तो इस वादे को निभाना चाहिए। संगठन ने साफ तौर पर कहा कि अगर इस समस्या का समाधान शीघ्र नहीं किया जाता है तो यह कर्मचारियों और छात्रों दोनों के लिए नकारात्मक परिणामों का कारण बन सकता है। इससे ना केवल उनके रोजगार के अवसर खत्म होंगे, बल्कि शिक्षा व्यवस्था भी कमजोर होगी।

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