Ganesh Chaturthi 2024: देशभर में गणेश महोत्सव 7 सितंबर को मनाया जाएगा। इसके लिए कई जगहों पर अभी से तैयारियां शुरू हो चुकी हैं। हिंदू धर्म में जब भी लोग किसी भी शुभ कार्य की शुरुआत करते हैं, तो सबसे पहले गणेश जी की ही पूजा की जाती है। हमारे देश में गजानन को लेकर भक्तों के मन में अपार श्रद्धा और विश्वास है। वैसे तो देश में जगह-जगह सिद्धिविनायक का मंदिर है, लेकिन क्या आप जानते हैं कि गणेश जी की सबसे ऊंची प्रतिमा कहां स्थित है। इसका जवाब देने के साथ ही ऐसे धाम के बारे में भी बताएंगे, जहां भगवान गणेश की दूसरी ऊंची मूर्ति स्थापित है।

भगवान गणेश की सबसे ऊंची प्रतिमा महाराष्ट्र के कोल्हापुर जिले में स्थापित है। गणपति की दूसरी सबसे ऊंची प्रतिमा की बात की जाए तो यह प्रतिमा झज्जर जिले के बहादुरगढ़ शहर में स्थित है। यह प्रतिमा 75 फुट ऊंची है। इसकी स्थापना साल 2016 में गणेश चतुर्थी के मौके पर की गई थी। कहा जाता है कि इस मंदिर का निर्माण समाजसेवी अशोक गुप्ता ने करवाया था। यहां के लोगों का मानना है कि इस मंदिर में मांगी गई सभी मनोकामनाएं जरूर पूरी होती है। यह मंदिर शहर के बीच से होकर गुजरने वाली दिल्ली-रोहतक रोड के इंडस्ट्रियल एरिया में स्थित है। यहां पर हरियाणा से ही नहीं बल्कि आस-पास के भी शहरों से लोग सिद्धिविनायक के भव्य स्वरूप का दर्शन के लिए आते हैं।

इस मूर्ति को बनाने में 10 साल लगे

गणपति धाम के इस मूर्ति को बनाने में मूर्तिकारों की 10 साल लगे थे और तब जाकर यह  75 फुट ऊंची यह प्रतिमा तैयार हुई थी। बता दें कि महाराष्ट्र के कोल्हापुर में स्थित भगवान गणेश की प्रतिमा 85 फुट ऊंची है, जो चिन्मया संदीपन्न आश्रम में साल 2001 में बनकर तैयार हुई थी।

यहां पर होते हैं बड़े-बड़े चमत्कार

बहादुरगढ़ गणपति धाम मंदिर की मान्यता है कि यहां पर आने वाले भक्तों के सभी बिगड़े काम बन जाते हैं। इस मंदिर में बड़े-बड़े चमत्कार देखने को मिलते हैं। यहां के पुजारियों का मानना है कि जिनके घर में संतान नहीं होते भगवान गणेश उन्हें पुत्र रत्न देकर सुशोभित करते हैं। इस मंदिर में भगवान शिव पूरे परिवार सहित विराजमान हैं।  इतना ही नहीं मंदिर में लगा बर्फ का शिवलिंग भी लोगों के आकर्षण का केंद्र है।

गणपति धाम मंदिर

ऐसे होती है यहां गणेश जी की पूजा

बहादुरगढ़ के इस गणपति धाम में गणेश महोत्सव के मौके पर हर साल लगातार 10 दिनों तक भगवान गणेश की विधिवत रूप से पूजा की जाती है। कहते हैं कि इस मंदिर में लगी गणेश जी प्रतिमा लोगों को अनायास ही अपनी ओर आकर्षित कर लेती है। यहां पर भक्त नियमों का पालन करते हुए सिद्धिविनायक की पूजा करते हैं और साथ ही यहां पर लड्डुओं का भोग अवश्य लगाया जाता है। इस साल भी अगले दस दिनों तक हर रोज विधि-विधान से गजानन की पूजा की जाएगी और फिर गणेश जी के प्रतिमा का विसर्जन भी किया जाएगा।