Jind: गांव संडील के डेरा काला पीर प्रकरण को लेकर हाईकार्ट के आदेश पर हिसार रेंज के आईजी एवं एडीजीपी रवि किरण माटा सोमवार को लोक निर्माण विश्राम गृह पहुंचे और दोनों पक्षों के बयान दर्ज किए। साध्वी तथा महंत ने ग्रामीणों व पुलिस पर गंभीर आरोप लगाते हाई कोर्ट में याचिका दायर की हुई है। इस दौरान भारी संख्या में पुलिसबल तैनात रहा। एडीजीपी ने मामले में कुछ भी बोलने से मना कर दिया। इस दौरान एसपी सुमित कुमार, उचाना डीएसपी नवीन कुमार समेत अन्य पुलिस अधिकारी मौजूद रहे।

क्या है साधु की हत्या का पूरा मामला

गांव संडील में कालापीर का डेरा है, जो गांव कोथ कलां काला पीर डेरे के तहत आता है। डेरे के साधु नंदनाईनाथ ने एक साधु की हत्या डेरे में कर दी। हत्या के बाद वह जेल में चला गया। कुछ समय पहले नंदनाईनाथ जमानत पर रिहा होकर गांव संडील के डेरे में पहुंच गया। डेरे में गांव की युवती भी सेवा भाव के नाम से आती जाती थी। युवती अपना घर बार छोड़ कर साध्वी बन कर नंदनाई के साथ डेरे में रहने लगी। जिस पर ग्रामीणों ने ऐतराज जताया ओर डेरे में न आने की नसीहत दी। ग्रामीणों की मांग पर कोथ कला डेरे के महंत शुक्राईनाथ ने गांव संडील डेरे का महंत चमकाईनाथ को घोषित कर गद्दी पर बैठा दिया। ग्रामीणों ने नंदनाईनाथ तथा साध्वी को डेरे में घुसने से मना किया तो हालात तनावपूर्ण हो गए। ग्रामीणों का कहना था कि गांव की लड़की को साध्वी के रूप में रखे जाने से ग्रमीणो में रोष है। गांव की शांति भंग होने का खतरा भी बना रहता है।

पुलिस पर सुरक्षा न देने तथा ग्रामीणों के खिलाफ कार्रवाई की मांग

साध्वी तथा नंदनाईनाथ ने हाईकोर्ट में याचिका दायर कर कहा कि उन्होंने पुलिस सुरक्षा की गुहार लगाई थी। पुलिस ने उनका सहयोग नहीं किया और व्यवहार भी अच्छा नहीं रहा। जिन ग्रामीणों का नाम पुलिस को दिया गया, उनके खिलाफ भी कार्रवाई नहीं की गई। हाईकोर्ट ने दोनों की सुरक्षा तथा लापरवाही बरतने पर जांच के आदेश दिए थे। उसी मामले की जांच के सिलसिले में एडीजीपी रवि किरण माटा ने सभी पक्षों को बुलाया, जिनके बयान अलग-अलग दर्ज किए गए। साध्वी भी पुलिस सुरक्षा के साथ जांच में शामिल होने पहुंची। कोथ कला डेरे के महंत शुक्राईनाथ ने कहा कि नंदनाईनाथ अपराधी प्रवृति का है। जिस पर एक साधु की हत्या का आरोप है, जो अब जमानत पर है। साध्वी का डेरे में रखना सामाजिक मर्यादा के खिलाफ है।