Farmers demand MSP guarantee: केंद्र सरकार और किसानों के बीच 14 फरवरी को चंडीगढ़ में प्रस्तावित बैठक से पहले, किसान नेता अपनी एकता को मजबूत करने में जुट गए हैं। बुधवार को खनौरी बॉर्डर धरने को एक साल पूरा होने पर संयुक्त किसान मोर्चा द्वारा एक महापंचायत का आयोजन किया गया। इस दौरान किसान नेताओं ने एमएसपी की गारंटी की मांग को प्रमुखता से उठाया और सरकार को चेतावनी दी कि अगर उनकी मांगें पूरी नहीं हुईं, तो आंदोलन को और तेज किया जाएगा। वहीं, जगजीत सिंह डल्लेवाल का आमरण अनशन 80वें दिन भी जारी रहा।
एमएसपी गारंटी कानून की मांग
महापंचायत को संबोधित करते हुए किसान नेता काका सिंह कोटडा ने कहा कि जब तक एमएसपी गारंटी कानून नहीं बनता, तब तक कॉर्पोरेट घरानों और व्यापारियों पर नकेल नहीं डाली जा सकती। पंजाब में हर किसान पर औसतन दो लाख रुपये का कर्ज है और इसका प्रमुख कारण एमएसपी की गारंटी न होना है। उन्होंने कहा कि हमारी लड़ाई अभी लंबी है और हमें पूरी एकता के साथ इसे लड़ना होगा।
डल्लेवाल का संकल्प: या तो कानून बनेगा या मेरी शहादत होगी
भारतीय किसान नौजवान यूनियन के प्रदेश अध्यक्ष अभिमन्यु कोहाड़ ने कहा कि किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल ने किसानों के हक के लिए अपनी जान की बाजी लगा दी है। उन्होंने कहा कि उनकी हालत कई बार नाजुक हो चुकी है, लेकिन वे लगातार अपने अनशन पर डटे हुए हैं। उनका साफ कहना है कि 'या तो एमएसपी गारंटी कानून बनेगा या मेरी शहादत होगी।'
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किसानों के रोजगार पर सरकार ध्यान दे: डल्लेवाल
महापंचायत के दौरान जगजीत सिंह डल्लेवाल ने सोशल मीडिया पर लाइव आकर किसानों को संबोधित किया। उन्होंने कहा कि अमेरिका में हाल ही में 104 भारतीयों को डिपोर्ट किया गया, जिनमें 30 से अधिक पंजाब और हरियाणा के युवा थे। उन्होंने कहा कि नौजवानों को विदेश जाने की जरूरत क्यों पड़ती है? इसका कारण यही है कि देश में रोजगार के अवसर सीमित हैं। उन्होंने सरकार से कृषि क्षेत्र को मजबूत करने और युवाओं को रोजगार देने की अपील की।
महापंचायत में किसान नेता को दिल का दौरा
महापंचायत शुरू होने से पहले, किसान नेता बलदेव सिंह सिरसा को हार्ट अटैक आ गया। उन्हें तुरंत राजिंद्रा अस्पताल, पटियाला ले जाया गया। डॉक्टरों के अनुसार, सिरसा पहले भी हृदय संबंधी समस्याओं से जूझ रहे थे। फिलहाल उनकी स्थिति गंभीर बनी हुई है और उन्हें आईसीयू में भर्ती किया गया है। वहीं, खनौरी बॉर्डर पर महापंचायत के मद्देनजर प्रशासन पूरी तरह से सतर्क रहा। सुरक्षा के लिए 12 अर्धसैनिक बलों और पुलिस की टुकड़ियां तैनात की गई थीं। प्रशासन ने किसी भी अप्रिय स्थिति से निपटने के लिए पूरी तैयारी कर रखी थी।