जींद: रोडवेज बसों में चालक व परिचालक को ड्यूटी के दौरान खाकी वर्दी पहननी होगी। यदि कोई चालक व परिचालक ड्यूटी के दौरान वर्दी नहीं पहनता है तो उस पर जुर्माना किया जाएगा। हालांकि यह निर्देश मुख्यालय ने शुरु से ही दिए हुए हैं लेकिन जब से अनिल विज ने परिवहन मंत्री का कार्यभार संभाला है, तभ से इन आदेशों को सख्ती से लागू करवाया जा रहा है। इसको लेकर मुख्यालय और रोडवेज महाप्रबंधक भी बार-बार निर्देश देते रहते हैं। अब देखना यह होगा कि इन आदेशों की कितनी पालना होती है।
रोडवेज विभाग में नजर आ रहा बदलाव
गौरतलब है कि प्रदेश में मंत्रिमंडल का गठन होने के बाद रोडवेज में काफी बदलाव नजर आने लगा है। अब रोजाना चालक व परिचालक तथा अन्य कर्मचारी वर्दी में ड्यूटी करते दिखाई देते हैं। इस बार मंत्रिमंडल में परिवहन विभाग अनिल विज को सौंपा गया है। उसके बाद से ही रोडवेज में काफी बदलाव देखने को मिल रहा है। कर्मचारियों को मंत्री का डर रहता है कि कहीं वे डिपो में आकर या कहीं बीच रास्ते उन पर छापेमारी न कर दे। इसको लेकर चालक व परिचालक अक्सर वर्दी में नजर आ रहे हैं। हालांकि इससे पहले अधिकतर चालक व परिचालक अपनी मनमानी करते हुए सिविल कपड़ों में ड्यूटी करते नजर आते थे।
साल में दो बार देना होता है वर्दी भत्ता
डिपो में कार्यरत्त कर्मचारियों को सरकार की तरफ से साल में दो बार वर्दी भत्ता देना होता है। यह भत्ता गर्मियों और सर्दियों के मौसम में दिया जाता है ताकि कर्मचारी मौसम अनुसार वर्दी सिलवा सके। प्रत्येक कर्मचारी को सरकार की तरफ से वर्दी के तौर पर 1100 रुपए दिए जाते हैं जो साल में 2200 रुपए देने का प्रावधान है। इन 1100 रुपए में कर्मचारी को वर्दी सिलवाने के लिए कपड़ा भी खरीदना होता है और उसके बाद सिलवाने के बाद टेलर को फीस भी देनी होती है। कर्मचारियों ने बताया कि सरकार ने पिछले तीन-चार साल से रोडवेज कर्मचारियों को वर्दी भत्ता नहीं दिया है। इसलिए सरकार को बकाया वर्दी भत्ता जल्द देना चाहिए।
बिना वर्दी कर्मचारी पर लगेगा जुर्माना
जींद डिपो के महाप्रबंधक राहुल जैन ने बताया कि जांच के दौरान कोई भी कर्मचारी ड्यूटी पर बिना वर्दी के मिलता है तो उस पर जुर्माना लगाया जाता है। रोडवेज निदेशालय की तरफ से पहले ही कर्मचारियों को वर्दी पहनकर ड्यूटी करने के आदेश हैं। हालांकि बार-बार कर्मचारियों को निर्देश भी दिए जाते हैं, लेकिन अब इन आदेशों की सख्ती से पालना करनी होगी।