पांच साल बाद बंदर पिंजरे के अंदर : 35 पत्र लिखने के बाद जींद अस्पताल पहुंची बंदर पकड़ने की टीम, कई को काट चुके थे

Monkey inside cage after five years : नगर परिषद ने आखिरकार स्वास्थ्य सुपरवाइजर संघ के 35वें रिमाइंडर पर संज्ञान लिया और जींद जिला मुख्यालय स्थित नागरिक अस्पताल को बंदरों के आतंक से मुक्त करने के लिए अभियान चलाया। अभियान के तहत बंदर पकड़ने वाले ठेकेदार के कर्मी अस्पताल पहुंचे और 20 से अधिक बंदरों को पकड़ने का काम किया। पूरा दिन अस्पताल में बंदर पकड़ने के दौरान अफरा-तफरी भरा माहौल रहा और भड़के हुए बंदर लोगों को गुर्राते रहे। इससे अस्पताल में आए मरीजों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ा।
वर्ष 2020 से लगातार नप को भेज रहे थे रिमाइंडर
स्वास्थ्य सुपरवाइजर संघ प्रधान राममेहर वर्मा ने बताया कि स्वास्थ्य सुपरवाइजर संघ द्वारा वर्ष 2020 से लगातार नगर परिषद जींद को पत्र भेज कर बंदरों के आतंक से निजात दिलाने की बात कह रहा था लेकिन अस्पताल बंदरों के आतंक से मुक्त नहीं हो पा रहा था। इस पर संघ द्वारा लगातार उपायुक्त के संज्ञान में भी मामला लाया जा रहा था। अब तक स्वास्थ्य सुपरवाइजर संघ कुल 35 रिमाइंडर भेज चुका था लेकिन समस्या ज्यों की त्यों बनी हुई थी। आए दिन बंदर किसी न किसी को काट रहे थे। इसके अलावा कार्यालयों के अंदर पहुंचकर भी नुकसान पहुंचा रहे थे। हर समय झुंड के झुंड बंदरों के नागरिक अस्पताल में बैठे देखे जा सकते हैं। इसके अलावा अस्पताल में आने वाले मरीजों को भी बंदर काटने से चूकते नहीं थे। इसके कारण नागरिक अस्पताल में आने वाले मरीजों के साथ-साथ चिकित्सकों व स्वास्थ्यकर्मियों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा था।
हर दिन काट रहे बंदर, दाखिल मरीजों को कर रहे थे घायल
आए दिन ये बंदर किसी न किसी व्यक्ति पर हमला करके उसको घायल कर रहे हैं। कई बार तो बंदर नागरिक अस्पताल में दाखिल मरीजों के बिस्तर पर पहुंच कर मरीज को घायल कर चुके हैं और अनेक बार कमरों में घुस कर कंपयूटर सहित नागरिक अस्पताल के रिकार्ड को नष्ट भी कर चुके हैं। इस समस्या के समाधान के लिए कई बार नगर परिषद के अधिकारियों को गुहार लगाई जा चुकी थी परंतु अभी तक कोई समाधान नहीं हुआ था। संघ नेता राममेहर वर्मा ने बताया कि अस्पताल में बंदर पकड़ो अभियान लगातार चलाया जाए ताकि बंदरों से निजात मिल सके।
लगातार चलाया जाए अभियान : डॉ. भोला
नागरिक अस्पताल के डिप्टी एमएस डा. राजेश भोला ने बताया कि अस्पताल में बंदर पकड़ो अभियान की शुरुआत हुई है। बंदर पकड़े न जाने से अस्पताल में कर्मियों, मरीजों और तीमारदारों को परेशानी हो रही थी। अभियान को लगातार चलाया जाए तो बंदरों से निजात मिलेगी।
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