बंदर अस्पताल के अंदर: 38 बार गुहार लगा चुके, अब तो बचा लो सरकार; स्वास्थ्य कर्मचारियों की अपील

Monkey terror in Jind Civil Hospital
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प्रतीकात्मक फोटो।
जींद नागरिक अस्पताल बंदरों के आतंक से मुक्त नहीं हो पा रहा है। स्वास्थ्य सुपरवाइजर संघ द्वारा वर्ष 2020 से लगातार नगर परिषद को पत्र भेजकर बंदरों से निजात दिलाने की बात कही जा रही है।

Monkey terror : जींद जिला मुख्यालय स्थित नागरिक अस्पताल बंदरों के आतंक से मुक्त नहीं हो पा रहा है। स्वास्थ्य सुपरवाइजर संघ द्वारा वर्ष 2020 से लगातार नगर परिषद जींद को पत्र भेजकर बंदरों के आतंक से निजात दिलाने की बात कही जा रही है, लेकिन अस्पताल बंदरों के आतंक से मुक्त नहीं हो पा रहा। इस पर संघ द्वारा लगातार उपायुक्त के संज्ञान में भी मामला लाया जा रहा है। अब तक स्वास्थ्य सुपरवाइजर संघ कुल 34 रिमाइंडर भेज चुका है, लेकिन समस्या ज्यों की त्यों है।

अस्पताल में आने वालों को काट रहे बंदर
स्वास्थ्य सुपरवाइजर संघ प्रधान राममेहर वर्मा ने उपायुक्त को दी शिकायत में बताया कि संघ द्वारा वर्ष 2020 से लगातार नगर परिषद को पत्र लिखे जा रहे हैं कि अस्पताल में बंदरों का आतंक है। आए दिन बंदर किसी न किसी को काट रहे हैं। इसके अलावा कार्यालयों के अंदर पहुंचकर भी नुकसान पहुंचा रहे हैं, लेकिन इस समस्या पर कोई संज्ञान नहीं लिया गया है।

ऑफिस में घुसकर रिकॉर्ड भी नष्ट कर रहे
अस्पताल परिसर में बंदरों की संख्या इतनी है कि इन्हें भगाना भी नामुमकिन है। बंदरों के झुंड के झुंड नागरिक अस्पताल में हर समय बैठे देखे जा सकते हैं। कई बार तो बंदर नागरिक अस्पताल में दाखिल मरीजों के बिस्तर पर पहुंचकर मरीज को घायल कर चुके हैं और अनेक बार कमरों में घुसकर कंप्यूटर सहित नागरिक अस्पताल के रिकॉर्ड को नष्ट भी कर चुके हैं।

अपील- अस्पताल में चलाया जाए बंदर पकड़ो अभियान
इस समस्या के समाधान हेतु कई बार नगर परिषद के अधिकारियों को गुहार लगाई जा चुकी है परंतु अभी तक कोई समाधान नहीं हुआ है। संघ नेता राममेहर वर्मा ने अपील की कि कि उपायुक्त इस मामले में संज्ञान लेते हुए नप अधिकारियों को आदेश दें कि अस्पताल में विशेष तौर पर बंदर पकड़ो अभियान चलाया जाए ताकि नागरिक अस्पताल में कार्य करने वाने चिकित्सक, स्वास्थ्यकर्मी व आमजन अपने आपको सुरक्षित महसूस कर सकें।

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