कैथल: शनिवार को मुंदड़ी गांव के निकट कार के नहर में गिरने से हुई एक ही परिवार के आठ सदस्यों की मौत ने प्रदेश को हिलाकर रख दिया। एक साथ आठ व्यक्तियों की मौत से गांव डीग में मातम पसर गया। गांव में चारों ओर मातम की चीख और चित्कार ही सुनाई दे रही हैं। मृतकों के आवास पर ढांडस बंधाने पहुंचने वाले प्रत्येक व्यक्ति की आंख नम थी। गंभीर हादसे के कारण शनिवार को गांव डीग में चूल्हा नहीं जला। ऐसे में सवाल उठता है कि इन आठ सदस्यों की मौत का जिम्मेवार कौन है?

आखिर कौन होगा मौत का जिम्मेवार

बेमौत मारे गए एक ही परिवार के आठ सदस्यों की मौत का जिम्मेवार कौन होगा। यहां पर इससे पूर्व भी कई हादसे हो चुके हैं। कुछ दिन पहले इसी स्थान पर कैथल के हुडा सेक्टर 20 के एक युवक की गाड़ी नहर में गिरी थी। उस समय समाजसेवी राजू डोहर ने खुद नहर के अंदर जाकर गाड़ी को रस्सियों से बाहर निकाला था। उस समय गाड़ी चालक की मौत हो गई थी। समाजसेवियों ने सिंचाई विभाग से यहां पर सीमेंट की दीवार या लोहे की ग्रिल लगाने की मांग की थी लेकिन विभाग द्वारा अभी तक यह कार्य नहीं किया गया। प्रत्यक्षदर्शियों का कहना है कि यदि यहां पर लोहे की ग्रिल या दीवार होती तो शायद परिवार के आठ लोगों की जान बच सकती थी।

हादसे के 7 घंटे बाद मिला कोमल का शव

पुलिस व ग्रामीणों द्वारा अपने स्तर पर त्वरित कार्रवाई करते हुए कार हादसे के आठ व्यक्तियों तथा कार को बाहर निकाला गया, लेकिन कार से लापता हुई 16 वर्षीय कोमल का शव मौके पर नहीं मिला। ग्रामीणों ने अपने स्तर गोताखोर टीम को बुलाया। ग्रामीणों ने पुलिस के सहयोग से गोताखोर टीम कोमल का शव करीब 7 घंटे बाद बरामद किया। ऐसा बताया जा रहा है कि हादसे में कार चालक कर्मजीत उर्फ काला ने करीब एक माह पूर्व ही यह गाड़ी खरीदी थी। ऐसे में लोग गाड़ी को अपशगुन मान रहे है जिस कारण पूरा परिवार मौत के आगोश में समां गया।

2 परिवारों में बचा एक युवक

बता दें कि हादसे में दो भाइयों का हंसता-खेलता परिवार बेमौत मारा गया। कार चालक कर्मजीत उर्फ काला की गंभीर स्थिति के कारण उसे पीजीआई चंडीगढ रेफर किया गया है। कर्मजीत का भाई प्रवीन जर्मनी गया हुआ है। बताया जा रहा है कि काला का करीब 14 वर्षीय पुत्र एक दिन पूर्व अपने मामा के गांव कुतुबपुर चला गया था। यदि वह कुतुबपुर न जाता तो शायद वह भी कार में साथ आता और सभी के साथ उसकी भी मौत हो गई होती। अब दो परिवारों में मात्र वह अकेला ही बचा है।

पुलिस व ग्रामीणों ने कार का शीशा तोड़कर निकाले शव

बता दें कि जैसे ही कार नहर में डूब गई तो पुलिस कर्मचारियों व ग्रामीणों ने नहर में ही मशक्कत कर गाड़ी का पिछला शीशा तोड़ एक के बाद एक व्यक्तियों को कार से बाहर निकाला। हालांकि उस समय दो बच्चों व कार चालक काला की सांसें चल रही थी। अस्पताल लाते समय दो बच्चों ने बीच रास्ते ही दम तोड़ दिया, जबकि काला अभी पीजीआई चंडीगढ़ में उपचाराधीन है। गांव डीग के एक ही परिवार के आठ सदस्यों की मौत का समाचार सुनते ही विधायक सतपाल जांबा अपनी टीम के साथ पहुंचे तथा हादसा स्थल का जायजा लिया। इसके उपरांत वे शोक संतप्त परिवार से मिलने कैथल के अस्पताल पहुंचे और पुलिस व स्वास्थ्य विभाग को त्वरित कार्रवाई करने के आदेश दिए।