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रजिस्ट्री के नाम पर रिश्वत लेने के मामले में अब गुहला तहसीलदार पर केस दर्ज किया गया है। केस दर्ज होने के बाद से ही तहसीलदार का कोई अता-पता नहीं है। वे चुनावी ड्यूटी से भी बिना बताए गायब हैं। रिश्वत मामले में एक क्लर्क की गिरफ्तारी होने के बाद पूछताछ में तहसीलदार का नाम सामने आया था। इन्होंने रिश्वत लेने के लिए 10 रुपये की टिकट का कोड बनाया हुआ था। जानें क्या है पूरा मामला।

Case registered against Tehsildar in bribery case : एंटी करप्शन ब्यूरो (ACB )अंबाला की टीम ने 18 फरवरी को गुहला तहसीलदार कार्यालय में तैनात रजिस्ट्री क्लर्क प्रदीप को 10 हजार रुपये की रिश्वत लेते हुए गिरफ्तार किया था। एसीबी ने क्लर्क से पूछताछ की तो बड़ा राज खुला। उसने तहसीलदार मनजीत मलिक का नाम लिया। इसके बाद मनजीत मलिक पर भी केस दर्ज कर लिया गया और एसीबी की टीम ने पकड़ के लिए छापेमारी शुरू कर दी। 

10 का टिकट लगेगा मतलब 10 हजार रिश्वत दो

पूछताछ में पता चला कि रजिस्ट्री कराने वालों से रिश्वत लेने के लिए एक कोड भी बनाया गया था। रिश्वत लेने के लिए उसकी रजिस्ट्री पर 10 रुपये का टिकट लगाने के लिए कहा जाता यानी उससे 10 हजार रुपये की मांग की जाती। मांग पूरी न होने पर रजिस्ट्री में रोड़े अटकाए जाते। 

सीवन नपा चुनाव में एआरओ है आरोपी, अब गायब

आरोपी तहसीलदार मनजीत मलिक को सीवन नगर पालिका चुनाव में सहायक रिटर्निंग अधिकारी (ARO) और नोडल अधिकारी तैनात किया गया है। हालांकि केस दर्ज होने की खबर सामने आने के बाद से ही वह ड्यूटी से गैरहाजिर है। इस बारे में एसडीएम गुहला कैप्टन परमेश सिंह ने कहा कि तहसीलदार ने ऑफिशियल छुट्टी नहीं ली है। 

377 पटवारियों की लिस्ट हो चुकी वायरल, तहसीलदारों की भी सूची आएगी

हरियाणा सरकार को तहसील कार्यालयों में रजिस्ट्री में रिश्वत मांगने की शिकायतें लगातार मिल रही हैं। इसके मद्देनजर पिछले दिनों 370 भ्रष्ट पटवारियों की लिस्ट वायरल हुई थी। इस लिस्ट के वायरल होने पर खूब बवाल हुआ था। इसके बाद 47 भ्रष्ट तहसीलदारों की भी लिस्ट बनाई गई है हालांकि यह वायरल नहीं हुई, लेकिन कार्रवाई जारी है। 

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