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हरियाणा में इन दिनों वक्फ बोर्ड की जमीन पर विवाद सामने आ रहे हैं। रोहतक के बाद अब कैथल में भी तनाव गहरा रहा है। मलिकपुर गांव में जब कब्रिस्तान की जमीन की चारदीवारी की जाने लगी तो पंचायत ने इसका विरोध कर दिया। पुलिस बल मौके पर पहुंच गया। पंचायत का कहना है कि मामला कोर्ट में है। जब तक कोर्ट का फैसला नहीं आ जाता तब तक निर्माण न किया जाए।

वक्फ बोर्ड की जमीन पर विवाद : कैथल के सीवन क्षेत्र के गांव मलिकपुर में वक्फ बोर्ड की दो एकड़ जमीन को लेकर विवाद लगातार बढ़ता जा रहा है। यह जमीन खुराना रोड पर खेल स्टेडियम के पास स्थित है, जिस पर मुस्लिम समाज के लोगों ने अपना कब्रिस्तान बनाया हुआ है। अब इस कब्रिस्तान की चारदीवारी निकालने का कार्य शुरू होने वाला है, जिसका ग्रामीणों ने विरोध किया है। इस मुद्दे को लेकर गांव में भारी तनाव का माहौल बन गया है और किसी भी अप्रिय स्थिति से बचने के लिए जिला प्रशासन और पुलिस ने मौके पर पहुंचकर स्थिति को नियंत्रण में रखा। गुहला डीएसपी कुलदीप सिंह और सीवन एसएचओ कुलदीप देशवाल ने मौके पर पहुंचकर स्थिति का मुआयना किया और ग्रामीणों से शांति बनाए रखने की अपील की। इसके अलावा, जिला प्रशासन की ओर से गुहला एसडीएम कैप्टन परमेश सिंह और सीवन बीडीपीओ नेहा शर्मा भी मौके पर मौजूद रहीं। बता दें कि रोहतक में भी पीरबोधी डिस्पोजल की जमीन को लेकर वक्फ बोर्ड के साथ विवाद सामने आ रहा है। 

ग्राम पंचायत ने भी जताया विरोध, प्रशासन को दी लिखित आपत्ति

गांव की सरपंच परमजीत कौर के पति तरसेम सिंह ने बताया कि उन्होंने इस मामले को लेकर जिला प्रशासन को ग्राम पंचायत का लिखित प्रस्ताव भी दिया हुआ है। प्रस्ताव में कहा गया है कि जब तक कोर्ट का फैसला नहीं आ जाता, तब तक कब्रिस्तान की चारदीवारी न निकाली जाए। उन्होंने कहा कि यदि चारदीवारी निकाली जाती है तो इससे गांव में सांप्रदायिक तनाव उत्पन्न हो सकता है और हालात बिगड़ सकते हैं।

1984 से पहले ग्राम पंचायत के नाम थी जमीन

ग्रामीणों का कहना है कि यह विवादित जमीन 1984 से पहले ग्राम पंचायत के नाम थी, लेकिन बाद में यह वक्फ बोर्ड के नाम दर्ज हो गई। ग्रामीणों का आरोप है कि यह जमीन किस प्रक्रिया के तहत वक्फ बोर्ड के पास चली गई, इसकी जानकारी आज तक किसी को नहीं मिल पाई है। ग्रामीणों ने इस जमीन को दोबारा ग्राम पंचायत में लाने के लिए अम्बाला वक्फ बोर्ड टर्मिनल कोर्ट में केस भी दायर किया हुआ है, जो अभी विचाराधीन है। ग्रामीणों का कहना है कि जब तक कोर्ट का फैसला नहीं आ जाता, तब तक इस जमीन पर कोई निर्माण कार्य नहीं होना चाहिए।

चारदीवारी निकाली तो भड़क सकता है दंगा

ग्रामीणों ने प्रशासन को साफ शब्दों में चेतावनी दी कि यदि वक्फ बोर्ड की जमीन पर चारदीवारी निकालने का काम किया गया तो गांव में सांप्रदायिक दंगा भड़क सकता है। ग्रामीणों का कहना है कि वे कोर्ट के फैसले का सम्मान करेंगे, लेकिन जब तक मामला अदालत में विचाराधीन है, तब तक इस जमीन पर कोई गतिविधि नहीं होने दी जाएगी। ग्रामीणों ने इस मामले को लेकर पंचायत बुलाई, जिसमें सैकड़ों ग्रामीण शामिल हुए। पंचायत में बचे राम, मेजर सिंह, साहब सिंह, संजू ठेकेदार, वकील सिंह, राजेश कुमार, रामकुमार, भरत सिंह, बलवीर सिंह, मनोज कुमार, सतीश सिंह, मलकिंदर, ईश्वर सिंह, जैसा, राजेश और राजेन्द्र शर्मा सहित सैकड़ों ग्रामीणों ने हिस्सा लिया। पंचायत में सभी ने एकमत होकर फैसला किया कि जब तक कोर्ट का फैसला नहीं आ जाता, तब तक कब्रिस्तान में कोई निर्माण नहीं होने दिया जाएगा।

प्रशासन ने दिया आश्वासन, कोर्ट के फैसले तक नहीं होगा निर्माण

पंचायत के बाद प्रशासनिक अधिकारियों ने ग्रामीणों को आश्वासन दिया कि जब तक कोर्ट से इस मामले में कोई स्पष्ट फैसला नहीं आता, तब तक कब्रिस्तान की चारदीवारी का कार्य नहीं किया जाएगा। अधिकारियों ने गांववासियों से शांति बनाए रखने की अपील की और कहा कि सभी पक्षों की भावनाओं का सम्मान करते हुए ही कोई निर्णय लिया जाएगा।

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