कैथल: बंदराणा के 18 वर्षीय विशाल की विदेश में हुई मौत की घटना के बाद से पूरे गांव में मातम का माहौल है। शनिवार को विशाल का शव दिल्ली एयरपोर्ट से लेकर परिजन व ग्रामीण सीधे ढांड पहुंचे और न्याय की मांग को लेकर उन्होंने शव को पंचमुखी चौक पर रख कर धरना दिया। नायब तहसीलदार ढांड अचिन व डीएएसपी बीरभान मौके पर पहुंचे और धरना दे रहे ग्रामीणों को समझाने का प्रयास किया। ग्रामीणों ने पुलिस प्रशासन की कार्रवाई पर सवालिया निशान खड़े करते हुए कहा कि आज तक पुलिस ने क्या कार्रवाई की है। ग्रामीणों ने जमकर रोष प्रकट किया।
22 अगस्त को मिली मौत की सूचना
ग्रामीणों ने कहा कि 22 अगस्त को ढांड पुलिस ने गांव में जाकर सूचना दी थी कि विशाल की बेलारूस में मौत हो गई है। उसके बाद परिजनों की ओर से औंगद जिला करनाल निवासी आरोपी एजेंट सियाराम सरपंच, अंकित राणा व सतपाल के खिलाफ शिकायत दी थी। लेकिन छह दिन बीत जाने के बाद आरोपियों के खिलाफ जीरो एफआइआर दर्ज कर निसिंग थाने में ट्रासफर कर अपना पल्ला झाड़ लिया। पुलिस की कार्यप्रणाली संदेह के घेरे में है। जब बंदराणा गांव ढांड थाने में पड़ता है और शिकायत भी यहीं पर दर्ज करवाई है तो निसिंग थाने में शिकायत क्यों ट्रांसफर की गई।
क्या था पूरा मामला
मृतक विशाल घर की गरीबी को दूर करने के लिए अर्मेनिया चला गया। उसके बाद औंगद निवासी एजेंट अंकित ने साढ़े सात लाख में उसे जर्मनी भेजने के लिए कहा। परिजनों ने जैसे तैसे करके साढ़े 7 लाख रुपए औंगद जाकर उसके परिजनों को सौंप दिए। इसके बाद आरोपी अंकित ने उसे बेलारूस में बुला लिया, जहां मृतक विशाल की मौत हो गई। एजेंट ने उनकी विशाल से बात नहीं करवाई और 22 अगस्त को पुलिस द्वारा उन्हें सूचना मिली कि विशाल की बेलारूस में मौत हो गई है।
निसिंग थाने में दर्ज है केस
डीएसपी बीरभान ने कहा कि विशाल की पोस्टमार्टम रिपोट के आधार पर जो भी कार्रवाई बनेगी, अवश्य की जाएगी। मामला निसिंग थाने में है, उसे कैथल लाने का हर संभव प्रयास किया जाएगा। आरोपियों को शीघ्र गिरफ्तार किया जाएगा। पीड़ितों को हर हाल में न्याय मिलेगा। डीएसपी के आश्वासन के बाद परिजनों ने 24 घंटे का अल्टीमेटम दिया और जाम खोल दिया।