Kaithal News: हरियाणा में विधानसभा चुनाव हो जाने के बाद आज 14 अक्टूबर सोमवार को जननायक जनता पार्टी के समर्थक कैथल के जिला परिषद चेयरमैन दीपक मलिक जाखौली को हटा दिया गया है। दरअसल, तीन महीने पहले दीपक मलिक के खिलाफ 15 पार्षदों ने अविश्वास पत्र जारी किया था। जब इस बारे में दीपक मलिक को पता चला तो वह इस मामले को कोर्ट में लेकर गए थे।
दीपक मलिक ने हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया
दीपक मलिक जाखौली के खिलाफ जारी अविश्वास प्रस्ताव पर आज जिला सभागार में परिणाम घोषित कर दिया गया है। बता दें कि दीपक मलिक जाखौली के खिलाफ वोटिंग भी की गई थी। वोटिंग में कैथल के 21 पार्षदों में से 17 ने हिस्सा लिया था। इस मामले में कैथल के उपायुक्त डॉ. विवेक भारती का कहना है कि सभी 17 पार्षदों ने अविश्वास प्रस्ताव के पक्ष में मतदान किया।
21 में शेष चार पार्षद में से तीन पार्षद वोटिंग में शामिल नहीं हुए, जबिक एक पार्षद भ्रष्टाचार मामले में सस्पेंड है, जिसकी वजह से वोटिंग में शामिल नहीं हुआ। वोटिंग में चेयरमैन दीपक मलिक के अलावा वार्ड 12 की पार्षद नेहा तंवर और वार्ड 18 से राकेश खानपुर शामिल नहीं हुए थे।
इस मामले को लेकर पिछले महीने 19 जुलाई को वोटिंग हुई थी, जिसके बाद दीपक मलिक ने हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया था। विधानसभा चुनावों के दौरान आचार संहिता लगने से कोर्ट ने इस मामले पर अपना फैसला नहीं सुनाया था।
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ये पार्षद वोटिंग में हुए शामिल
वार्ड 1 से पार्षद संजीव ठाकुर, वार्ड 3 से रुमिला ढुल, वार्ड 4 से दिलबाग सिंह, वार्ड 5 से कमलेश रानी, वार्ड 6 से अमरजीत, वार्ड 7 से कमलेश रानी, वार्ड 8 से ममता रानी, वार्ड 9 से देवेंद्र शर्मा, वार्ड 10 से सोनिया रानी, वार्ड 13 से कर्मवीर कौल, वार्ड 14 से पिंकी रानी, वार्ड 15 से मनीष शर्मा फरल, वार्ड 16 रितु कुमारी, वार्ड 18 से मैनेजर कश्यप, वार्ड 19 से बलजीत कौर, वार्ड 20 से सुरजीत कौर और वार्ड 21 से पार्षद बलवान सिंह ने चेयरमैन के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव में वोटिंग की।