हरियाणा के कैथल में चीका के प्राइवेट हॉस्पिटल में एक महिला की डिलीवरी के दौरान जबरदस्ती कोशिश की गई, जिसमें मां और बच्चे की मौत हो गई। परिजनों ने डॉक्टर पर आरोप लगाया है कि वह 3 से 4 घंटे तक झूठा आश्वासन देते रहे। फिर ज्यादा ब्लड निकलने पर पटियाला रेफर कर दिया। लेकिन पटियाला हॉस्पिटल पहुंचने से पहले ही महिला ने दम तोड़ दिया। बता दें कि महिला की पहचान चानचक गांव का रहने वाली सुनीता के रूप में हुई जिसकी उम्र 35 वर्ष थी। सुनीता की एक 3 साल की बेटी भी है। मृतक महिला के परिजनों ने अस्पताल स्टाफ के खिलाफ चीका थाने में शिकायत दर्ज करवाई है।
डॉक्टरों पर जबरदस्ती करने का आरोप
परिजनों ने जानकारी देते हुए बताया कि शनिवार को सुबह के समय सुनीता को दर्द शुरू हुआ, जिसके बाद उसे तुरंत चीका के सार्थक हॉस्पिटल लेकर गए। इस हॉस्पिटल में करीब 3 से 4 घंटे तक डॉक्टर जबरदस्ती करके बच्चे को निकालने की कोशिश कर रहे थे जिसकी वजह से जन्म से पहले ही बच्चे की मौत हो गई। परिजनों ने कहा कि बच्चे की मौत होने के बाद भी डॉक्टर झूठी बातें कहते रहे कि मां और बच्चा दोनों ही सुरक्षित हैं। इसके बाद महिला को ज्यादा ब्लीडिंग होने लगी जिसे देखकर डॉक्टर ने पटियाला में अपने किसी जानने वाले डॉक्टर के प्राइवेट हॉस्पिटल में उसे रेफर कर दिया गया। लेकिन ज्यादा ब्लीडिंग होने के कारण हॉस्पिटल पहुंचने से पहले ही महिला की मौत हो गई।
स्टाफ के साथ भागा डॉक्टर
परिजनों ने बताया कि महिला के शव को लेकर वह वापस पटियाला से चीका के हॉस्पिटल में पहुंचे। इसके बाद उन्होंने हॉस्पिटल को डॉक्टरों के ऊपर लापरवाही के आरोप लगाए। लेकिन डॉक्टर बचने के बहाने ढूंढते रहे और फिर हंगामा बढ़ते देख डॉक्टर अपने स्टाफ के साथ फरार हो गए। इसके बाद परिजन महिला के शव को हॉस्पिटल में रखकर डॉक्टरों की गिरफ्तारी की मांग करने लगे। जिसके बाद चीका के थाना प्रभारी ने मौके पर पहुंचकर परिजनों को कार्रवाई का आश्वासन दिया।
मामला दर्ज कर शुरू हुई जांच
चीका के थाना प्रभारी ने बताया कि महिला के मौत की सूचना मिलते ही वह मौके पर अपनी टीम के साथ पहुंचे। उन्होंने कहा कि परिजनों द्वारा डॉक्टरों के खिलाफ शिकायत की गई है। पुलिस ने मामला दर्ज कर लिया है और मामले की जांच में जुट गई है।
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