Logo
हरियाणा के कैथल में ग्रामीण धरने पर बैठ गए हैं। उनकी मांग है कि भ्रूण लिंग जांच के मामले में आरोपी डॉक्टर पर तो कार्रवाई की गई है, लेकिन जिस जगह यह गलत काम हो रहा था, उसके मालिक के खिलाफ पुलिस ने केस दर्ज नहीं किया। मकान मालिक भी बराबर का दोषी है। इस गांव को लिंगानुपात में सुधार के लिए सम्मानित किया गया था। ऐसे में अब ग्रामीण इस घटना को अपने गांव के लिए बदनुमा दाग मान रहे हैं।

भ्रूण लिंग जांच के खिलाफ धरना : कैथल में भ्रूण लिंग जांच गिरोह में शामिल आरोपियों की गिरफ्तारी की मांग को लेकर रविवार को गांव मानस के ग्रामीणों ने गांव में धरना दिया। धरने के दौरान ग्रामीणों ने जिला प्रशासन के खिलाफ नारेबाजी कर रोष जताया। ग्रामीणों का कहना था कि गांव के जिस आरोपी ने मशीन को अपने घर में रखवाया, पुलिस द्वारा उसके खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की गई है जबकि वह भी बराबर का आरोपी है। ग्रामीणों का कहना था कि इस घटना से गांव के सम्मान को ठेस पहुंची है। बता दें कि शनिवार को कैथल और कुरुक्षेत्र की स्वास्थ्य विभाग की टीम ने एक मकान से अवैध अल्ट्रासाउंड मशीन बरामद की थी। यहां भ्रूण लिंग परीक्षण का गैरकानूनी काम चल रहा था। सूचना पर पहुंची पुलिस ने डॉ. ऋषिपाल को गिरफ्तार किया था।

लिंगानुपा सुधार के लिए गांव को किया था सम्मानित्र, अब बदनामी हुई

डॉक्टर के पास से अल्ट्रासाउंड मशीन और 30 हजार रुपए की नकदी मिली। यह काम पीसी-पीएनडीटी एक्ट के तहत पूरी तरह प्रतिबंधित है। वहीं अब गांव के लोगों का कहना है कि मकान मालिक भी इस अपराध में बराबर का दोषी है। वह अपने परिवार के साथ इसी मकान में रहता है। ऐसे में उसे इस गैरकानूनी काम की जानकारी न हो, यह संभव नहीं है। ग्रामीणों का कहना है कि कुछ साल पहले उनके गांव को बेहतर लिंग अनुपात के लिए सम्मानित किया गया था। परन्तु अब इस घटना ने गांव की प्रतिष्ठा को ठेस पहुंचाई है। उन्होंने प्रशासन के खिलाफ नारेबाजी की है और मांग की है कि मामले की उच्च स्तरीय जांच हो। साथ ही मकान मालिक समेत सभी दोषियों पर कड़ी कार्रवाई की जाए। ग्रामीणों ने चेतावनी दी है कि जब तक मकान मालिक और अन्य दोषियों पर कार्रवाई नहीं होगी, उनका धरना जारी रहेगा।

पूछा देने के बहाने करते थे भ्रूण लिंग जांच

ग्रामीणों ने बताया कि आरोपी पिछले लंबे समय से यह अनैतिक कार्य कर रहा था। यहां पर कर्इ बार दूसरे गांव की महिलाओं को आते-जाते देखा गया है। पूछे जाने पर महिलाओं का कहना था कि वे यहां पर झाड़ फूंक का पूछा करवाने के लिए आई हैं। ऐसे में ग्रामीणों को इस कार्य के बारे में पता नहीं चला। बता दें कि गिरोह में शामिल डा. ऋषिपाल इससे पूर्व 2016 में भी इसी प्रकार का कार्य करते काबू किया गया था।

यह भी पढ़ें : बदमाशी वाले गानों के समर्थन में मंत्री : डॉ. अरविंद शर्मा ने कहा- यह हरियाणा का कड़क म्यूजिक, नौजवानों को यही पसंद

5379487