कैथल: मनी लांड्रिंग केस में गिरफ्तारी का डर दिखाकर एक व्यक्ति से 48 लाख रुपए की धोखाधड़ी की गई। आरोपियों ने व्यक्ति को सीबीआई और ईडी के फर्जी लेटर भी भेजे व मनी लॉन्ड्रिंग केस में फर्जी तरीके से नाम दिखाकर गिरफ्तारी की बात कही। साइबर थाना पुलिस ने मामले में पीड़ित की शिकायत पर आरोपियों के खिलाफ केस दर्ज कर जांच शुरू कर दी। पुलिस मामले में जिस खाते में पैसे डलवाए गए, उसकी जांच भी कर रही है। जल्द ही आरोपियों को काबू करने का दावा किया जा रहा है।
वीडियो कॉल में दिखा पुलिसकर्मी
चीका के शक्ति नगर में रहने वाले विनोद कुमार ने बताया कि उसके पास एक अगस्त को फोन आया। फोनकर्ता ने कहा कि वह ट्राई का कर्मचारी है और आपके नाम से एक सिम जारी हुआ था जिससे कई आपत्तिजनक मैसेज किए गए है। इस संदर्भ में उसके खिलाफ 58 शिकायते प्राप्त हुई है। उसने फोनकर्ता को कहा कि ना तो वह कभी मुम्बई गया और ना ही उसने ऐसा कोई अपराध किया है। फिर एक वीडियो कॉल आया, जिसमें एक पुलिसकर्मी दिखाई दिया और उसने कहा कि वे सीबीआई से है। आपके खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग के केस है जिसमें गिरफ्तारी वारंट जारी हो चुके है। इस बात से वह डर गया।
पैसों की जांच का दिखाया डर
विनोद कुमार ने बताया कि आरोपियों ने उससे कहा कि अगर वह जांच में सहयोग करता है तो ऑनलाइन ही सारी जांच पूरी कर ली जाएगी अन्यथा उसकी गिरफ्तारी निश्चित है। आरोपियों ने कहा कि सबसे पहले उसके खाते में जमा सारे पैसे की जांच होगी और आरबीआई बैंक इसकी जांच करेगा कि खाते में कही से कोई काला धन तो नहीं आया हुआ। अगर सारा पैसा सही है तो 48 से 72 घंटे में वापिस आ जाएगा। इसके बाद आरोपियों ने उससे अलग अलग खातों में 48 लाख रुपए डलवा लिए। आरोपियों ने कहा कि उसका 75 प्रतिशत अकाउंट की जांच हो गई है। 6 बजे तक पैसा वापिस आ जाएगा। इसके बाद आरोपियों ने कहा कि आरबीआई कर्मचारी पैसे देने में आनाकानी कर रहे है, जिसके लिए एक लाख रुपए ओर चाहिए। लेकिन इसके बाद भी पैसे वापिस नहीं आए तो उसे धोखाधड़ी का शक हुआ।