करनाल: किसान नेता राकेश टिकैत (Rakesh Tikait) ने किसान यूनियनों को नसीहत देते हुए कहा कि किसान खनौरी बॉर्डर और शंभू बॉर्डर पर बैठे है। ऐसे में किसानों को आपस में बैठकर बातचीत करनी चाहिए और एकजुट रहना पड़ेगा, बटोगे तो लूटोगे। 10 महीने पहले जब आंदोलन शुरू हुआ था तो उस वक्त भी यही कहा था कि एसकेएम और अन्य सभी किसान इकट्ठे हो जाए। दिल्ली कूच की कॉल कोई भी अलग-अलग न दे, कोई यूपी से तो कोई राजस्थान से दिल्ली कूच की कॉल करता है। जब तक एकत्रित न हो, तब तक दिल्ली से दूर रहे, क्योंकि दिल्ली 62 हजार वोल्ट का करंट है और वह एकजुट होकर ही पार करना पड़ेगा।
किसान संगठन एक हैं, सरकार करें फैसला
डल्लेवाल की बिगड़ती तबियत को लेकर राकेश टिकैत ने कहा कि उनकी तबियत की सभी को चिंता है और सरकार को फैसला करना चाहिए, किसान संगठन एक है। किसान संगठन (Farmers Organization) कुछ नहीं कर सकते, लेकिन जो भी फैसला करना है वह सरकार को करना है। लाभ हानि सरकार को देखना है। राकेश टिकैत ने कहा कि हम किसानों के साथ है, जो लोग दिल्ली से वापिस आए थे और वे ही लोग दिल्ली की तैयारी करते है तो सभी को एकत्रित होना पड़ेगा। अकेला वहां पर कुछ नहीं कर सकता, उसकी वहां पर हार होगी। बॉर्डर पर धरने पर बैठे किसानों की तरफ से कल ही एक चिट्ठी आई है, जिसमें लिखा गया है हम बातचीत करना चाहते है।
किसान आंदोलन से सरकार को हो रहा फायदा
राकेश टिकैत ने कहा कि इस आंदोलन का भारत सरकार को अभी फायदा हो रहा है और वह फायदा यह है कि अभी किसान पंजाब की जमीन पर है और पंजाब (Punjab) में सरकार आम आदमी पार्टी की है। इससे वहां की जनता नाराज है कि सिख समाज और किसानों का काम रास्ते रोकने का है और हमारे काम प्रभावित हो रहे है। यह आंदोलन 4 से 5 महीने ओर चलेगा। आंदोलन अकेले से सफल नहीं होता। राकेश टिकैट ने स्पष्ट किया कि अभी हम न तो गाजीपुर बॉर्डर पर बैठे है और न ही हमारा कोई दिल्ली का प्रोग्राम है।
रामचंद्र जांगड़ा ने दिया बेबुनियाद बयान
राज्यसभा सांसद रामचंद्र जांगड़ा (Ramchandra Jangra) के विवादित ब्यान पर राकेश टिकैत ने कहा कि सांसद ने 700 लड़कियां गायब होने का ब्यान दिया है, उनसे एक बार जानकारी जरूर सरकार को लेनी चाहिए और किसानों के खिलाफ इस तरह के उलजलुल बयान नहीं देने चाहिए। उनके पास ऐसी कोई जानकारी थी तो उन्होंने उस जानकारी को सांझा क्यों नहीं किया। इस तरह की जानकारी छिपाना भी जुर्म है। उस पर भी धाराएं लगती है। सांसद ने झूठ बोला है तो उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई होनी चाहिए। टिकैत ने कहा कि हरियाणा सरकार झूठ बोलने में माहिर है। झूठ बोलने में बीजेपी की सरकार नंबर एक पर है।
गुरनाम चढूनी पर टिकैत ने कसा तंज
गुरनाम चढूनी (Gurnam Chadhuni) पर तंज कसते हुए राकेश टिकैत ने कहा कि अगर वे इलेक्शन से निपट गए होंगे तो किसानों के बीच आ जाएंगे। इलेक्शन तो छोड़ना पड़ेगा और जब इलेक्शन का भूत छूटेगा तो आंदोलन में वापिसी हो जाएगी। इलेक्शन भी एक बहुत बड़ी बीमारी है। मुझे इलेक्शन लड़कर ज्ञान प्राप्त हो चुका है और अब हम दूसरों को ज्ञान बांट रहे है।