वीरेंद्र राठौर का दावा: तीन नेताओं पर लगाया साजिश रचने का आरोप, बोले- ये पार्टी में रहे तो मैं कांग्रेस छोड़ दूंगा

Virendra Rathore
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वीरेंद्र राठौर
Gharaunda Assembly Seat: विधानसभा चुनाव में घरौंडा से कांग्रेस उम्मीदवार वीरेंद्र राठौर ने अपनी हार के बाद पार्टी के नेताओं पर ये आरोप लगाया।

Gharaunda Assembly Seat: हरियाणा विधानसभा कांग्रेस की हार के बाद पार्टी के अंदर चल रही कलह और गुटबाजी जनता के सामने आ रही है। घरौंडा विधानसभा क्षेत्र से कांग्रेस के उम्मीदवार वीरेंद्र राठौर ने अपनी हार के लिए कांग्रेस के तीन नेताओं का जिम्मेदार ठहराया और साथ ही ईवीएम मशीन में भी हुई गड़बड़ी की बात बताई है।

उम्मीदवार राठौर ने यह भी कहा कि पूर्व विधायक नरेंद्र सांगवान, कांग्रेस नेता भूप्पी लाठर और रघबीर संधू ने बीजेपी का साथ दिया और घरौंडा में कांग्रेस को हराने की साजिश रची। उन्होंने इसलिए पार्टी में अब न तो नरेंद्र सांगवान, न भूप्पी लाठर और न ही रघबीर संधू रहेंगे। अगर पार्टी ने इन तीनों को रखा तो मैं कांग्रेस छोड़ दूंगा।

सड़कों पर जनता के साथ लड़ेंगे लड़ाई- वीरेंद्र राठौर

दरअसल आज, गुरुवार को बसताड़ा के पास अपने फार्म हाउस पर वीरेंद्र राठौर ने पत्रकारों से बातचीत की। इस दौरान उन्होंने सबसे पहले चुनाव के लिए की गई कार्यकर्ताओं की मेहनत की तारीफ की और हरियाणा और घरौंडा में बीजेपी की जीत पर पार्टी को बधाई दी। इसके बाद उन्होंने कहा कि यह हमारा दुर्भाग्य है कि यहां पर हम थोड़ी सी वोटो से हार गए। हम विधानसभा में नहीं बैठ पाए, लेकिन सड़कों पर जनता की लड़ाई लड़ने का काम किया जाएगा।

राठौर ने दी थी तीन दरखास्त

इसके साथ ही राठौर ने काउंटिंग में गड़बड़ी का भी आरोप लगाया है। राठौर का कहना है कि वोटिंग के बाद काउंटिंग की प्रक्रिया सही तरीके से नहीं की गई है। वोट की काउंटिंग से एक दिन पहले रिटर्निंग अधिकारी को तीन दरखास्त दी गई थी। जिसमें पहली यह थी कि कैंडिडेट के मोबाइल फोन की अनुमति दी जाए।

साथ ही रिटर्निंग अधिकारी ने काउंटिंग सेंटर पर कम्यूनिकेशन रूम बनाने की बात कही थी, लेकिन अगले दिन हमारे मोबाइल को गेट के पास ही जब्त कर लिया गया, जबकि रिटर्निंग अधिकारी मोबाइल फोन लेकर काउंटिंग हाल में बैठे हुए थे और उसका इस्तेमाल भी कर रहे थे, जो कि गैर कानूनी है। इसके बाद जब उनके इस बारे में पूछा गया तो पता चला कि डीसी ने ही उन्हें इसकी अनुमति दी है। राठौर का कहना है कि डीसी के पास इसकी अथॉरिटी ही नहीं है कि वह फोन अलाउड कर दें।

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वही, दूसरा दरखास्त यह थी कि, जब तक एक राउंड का रिजल्ट डिक्लेयर होकर पब्लिश न हो जाए, तब तक दूसरे राउंड के लिए मशीनें स्ट्रांग रूम से न निकाली जाए। उसके बावजूद भी तीन-तीन चार-चार राउंड के लिए मशीनें एडवांस में रखी गई। इसके अलावा राठौर ने ईवीएम की बैटरी को लेकर भी सवाल उठाए हैं। उन्होंने कहा कि जब सुबह छह बजे मॉक पोल शुरू हुआ और शाम तक वोटिंग होने के बाद भी ईवीएम में बैटरी 99 प्रतिशत रही। उन्होंने कहा ऐसा संभव नहीं हो सकता है।

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