करनाल के युवक की सिंगापुर में मौत पर सस्पेंस : हरियाणा के करनाल जिले के कैमला गांव के मनीष की सिंगापुर में रहस्यमय परिस्थितियों में डूबकर मौत हो गई। 23 वर्षीय मनीष सात माह पहले ही दो कनाल जमीन बेचकर और कर्ज लेकर रोजगार की तलाश में सिंगापुर गया था। अब दोबारा किसी तरह पैसे जुटाकर शव को सिंगापुर से भारत मंगवाया गया। बुधवार को उसका शव गांव में पहुंचा तो परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल था। गांव में उसका अंतिम संस्कार किया गया।
सिंगापुर पुलिस ने पानी में डूबने से मौत की पुष्टि की
मनीष की मौत की पुष्टि सिंगापुर पुलिस ने पानी में डूबने से हुई बताई है। उसका शव मरीना बे के पास मिला, लेकिन परिवार इस निष्कर्ष को मानने को तैयार नहीं है। परिजनों का कहना है कि मनीष की आखिरी बार बात अपने परिवार से उसके कमरे से हुई थी, जबकि मरीना बे उससे करीब एक घंटे की दूरी पर है। उन्हें आशंका है कि उसकी मौत में कोई साजिश हो सकती है। मनीष की मां और बहन से उसकी आखिरी बातचीत 12 अप्रैल को हुई थी। उसने भरोसा दिलाया था कि वह सोमवार को 40 हजार रुपए भेज देगा, जिससे घर का खर्चा चल सके। लेकिन रविवार सुबह उन्हें यह दुखद समाचार मिला कि मनीष की डेडबॉडी मिली है।
रात 10 बजे कमरे से गया था, घर से दूर मिला शव
सिंगापुर के नारनिया में मनीष के रूममेट संजू के अनुसार, मनीष 12 अप्रैल रात को दस बजे फोन लेकर बाहर गया था और कहा था कि वह घर वालों से बात करने जा रहा है। वह नहीं लौटा तो 11 बजे कॉल की, लेकिन उसने जवाब नहीं दिया। अगले दिन उसकी लाश मिलने की खबर ने सभी को चौंका दिया। पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट भी ताबूत के साथ भारत भेजी गई, जिसमें मौत का कारण डूबना बताया गया। परिवार को इस बात पर यकीन नहीं है कि मनीष खुद मरीना बे गया होगा। उसकी आखिरी बातचीत के दौरान वह बिल्कुल सामान्य था।
अमेरिका और सिंगापुर में रह रहे दोस्तों से की थी बात, नहीं था परेशान
12 अप्रैल को मनीष ने करीब 4 बजे घर पर बात की थी। उसने सोमवार को 40 हजार रुपये भेजने की बात की थी। वह हर महीने पैसे भेजता था ताकि घर का खर्च चल सके। अब तक वह करीब सवा लाख रुपये भेज चुका था। 12 अप्रैल को ही उसने अपने गांव के अमेरिका और सिंगापुर में रहने वाले दोस्तों से काफी देर बात की। तीनों से बातचीत में वह कहीं से भी परेशान नहीं लगा। यह सब बातें मौत को संदेहास्पद बनाती हैं।
शव मंगवाने के लिए भी पैसे इकट्ठे किए
आर्थिक रूप से कमजोर परिवार ने जैसे-तैसे पांच लाख रुपए इकट्ठा किए और मनीष के शव को भारत लाए। मंगलवार देर रात उसका शव दिल्ली पहुंचा, जिसके बाद बुधवार को गांव में उसका अंतिम संस्कार किया गया। घर में कमाने वाला सिर्फ मनीष ही था। अब परिवार की स्थिति और ज्यादा खराब हो गई है। मनीष के पिता भीम सिंह बुजुर्ग हैं और बीमार रहते हैं। मां सुमन, बहन मोनिका और छोटा भाई परीक्षित सदमे में हैं। पुलिस फिलहाल मामले की जांच कर रही है और मनीष का मोबाइल फोन जब्त कर लिया गया है, जिससे मौत के असली कारणों का पता लगाया जा सके।
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