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संयुक्त किसान मोर्चा की ओर से कुरुक्षेत्र में आज किसान महापंचायत बुलाई गई। इसमें विभिन्न किसान संगठनों ने हिस्सा लेकर कई मांगें रखी। पढ़िये यह रिपोर्ट...

हरियाणा की धर्मनगरी कुरुक्षेत्र में आज संयुक्त किसान मोर्चा के आह्वान पर किसान महापंचायत बुलाई गई। इस महापंचायत में हरियाणा सरकार के खिलाफ जमकर नाराजगी जताई गई। गुस्साए किसानों ने सीएम नायब सैनी के आवास का घेराव करने का फैसला लिया। चूंकि जिला पुलिस पहले से सतर्क थी, लिहाजा सीएम आवास के घेराव को सफल नहीं होने दिया। इसके बाद किसानों ने सड़क पर ही धरना देना शुरू कर दिया।

मीडिया से बातचीत में किसान नेता दर्शनपाल सिंह ने कहा कि किसानों को जहां डीएपी की खाद नहीं मिल रही, वहीं दूसरी तरफ पराली जलाने के आरोप में केस दर्ज किए गए हैं। उन्होंने कहा कि आज की महापंचायत में इन्हीं मुद्दों पर चर्चा की गई। फैसला लिया कि अपनी मांगों को सीएम नायब सैनी तक सीधे पहुंचाएंगे। उन्होंने कहा कि पुलिस ने बैरिकेडिंग लगाकर हमारा रास्ता रोक लिया है और हम इस बैरिकेडिंग को तोड़ना भी नहीं चाहते क्योंकि हम शांतिपूर्वक तरीके से अपनी समस्याओं का समाधान चाहते हैं।

संयुक्त किसान मोर्चा के नेता ने कहा कि बीजेपी अगर खुद को किसानों का हितैषी बताती है, तो किसानों की समस्याओं को सुनने में आनाकानी क्यों कर रही है। कांग्रेस के प्रदर्शन पर भी निराशा जताई किसान नेताओं ने हरियाणा विधानसभा चुनाव में कांग्रेस के प्रदर्शन पर भी नाराजगी जताई।

किसान नेता दर्शन पाल ने कहा कि कांग्रेस समेत तमाम विपक्षी दलों ने माहौल का फायदा नहीं उठाया। हरियाणा में बीजेपी के खिलाफ लहर चल रही थी, लेकिन विपक्ष सत्ता हासिल नहीं कर सका। उन्होंने कहा कि किसान आंदोलन की वजह से पूरे देश में किसानों को उम्मीद जगी थी कि एमएसपी समेत तमाम छोटी बड़ी समस्या का हल निकल जाएगा। आज भी देश का किसान हरियाणा और पंजाब के किसानों की ओर देख रहे हैं। पंजाब में भी किसान परेशान हैं। अगर हमारी समस्या नहीं सुनी तो पिछली बार की तरह बड़ा किसान आंदोलन दिखाई देगा।

नायब सैनी की सरकार से किसानों ने की ये मांग

किसान नेता रतन मान ने कहा कि गेंहू की बिजाई का समय आ चुका है। किसानों को डीएपी खाद आसानी से उपलब्ध होनी चाहिए। साथ ही, किसानों पर दर्ज मामलों को वापस लेने और रेड एंट्री वापस लेनी चाहिए। उन्होंने कहा कि सभी जगह किसान शांतिपूर्वक तरीके से अपनी मांगें रख रहे हैं। सरकार को हमारी समस्याओं पर ध्यान देकर प्राथमिकता से इनका निदान करना चाहिए।

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