नारनौल: नई अनाज मंडी स्थित कोआप्रेटिव सोसायटी के कार्यालय पर पिछले दिनों का बचा हुआ डीएपी खाद भी सोमवार को किसानों में वितरित कर दिया गया। सोमवार को बचे हुए 153 बैग डीएपी खाद बांटा गया। अब सोसायटी कार्यालय के पास कोई खाद नहीं बचा, जबकि किसानों में अब भी डीएपी खाद की मांग बनी हुई है। ऐसे में सोसायटी कार्यालय के बाहर खाद नहीं है, इसका नोटिस चस्पा कर दिया है, जिससे किसानों को परेशानी हो रही है। खाद के लिए किसान भटक रहे हैं।

सरसों व गेहूं की बिजाई में जुटे किसान

रबी सीजन के तहत सरसों की बिजाई करने के बाद किसान अब गेहूं फसल की बिजाई में जुटे हुए हैं। गेहूं की फसल में बेहतर उत्पादन के लिए किसान खेतों में बिजाई से पहले डीएपी खाद डालना चाहते हैं, जो उन्हें पर्याप्त मात्रा में नहीं मिल पा रहा। किसानों का मानना है कि सरसों एवं गेहूं की बिजाई से पहले खेत में यदि डीएपी खाद डाल दिया जाए तो इन फसलों की अच्छी पैदावार की संभावना बढ़ जाती है। फसल उत्पादन बढ़ने से किसान की इनकम में इजाफा होता है, जिससे उसकी आर्थिक स्थिति सुदृढ़ बनती है। इसी मंशा से किसान डीएपी खाद के लिए मारे मारे इधर उधर फिर रहे है। किसान अपने खेतों में गेहूं की बिजाई से पहले डीएपी खाद डालने के लिए परेशान है। 

अब तक आए खाद की स्थिति

नई अनाज मंडी स्थित कोआप्रेटिव सोसायटी कार्यालय पर गत 25 अक्टूबर को दो हजार बैग डीएपी खाद आया था। जिसे अगले रोज 26 अक्टूबर को बांटना शुरू किया गया, लेकिन किसान खाद के लिए टूट पड़े और सोसायटी कार्यालय पर पुरुष किसानों के साथ-साथ महिला किसानों का भी जमघट लग गया। खाद बांटते बांटते कर्मचारियों को सवेरे से शाम तक कोई फुर्सत नहीं मिली। न तो वह कैश काउंट कर पाए तथा न ही बैंक में जमा करा पाए, जबकि छह बजने तक कार्यालय गेट के बाहर किसानों की लाइन लगी थी। यह किसान खाद लेकर ही जाने की जिद पर अड़े रहे।

कर्मचारियों को बुलानी पड़ी थी पुलिस

किसानों के रोष को देखते हुए कर्मचारियों को पुलिस बुलानी पड़ी और प्रशासन की तरफ से सीटीएम मंजीत कुमार ने अपनी निगरानी में खाद बंटवाया। तत्पश्चात 30 अक्टूबर को करीब 447 बैग एवं सोमवार को 153 बैग डीएपी खाद वितरित किया गया। 2000 बैग से पहले इसी सोसायटी कार्यालय पर 25 सितंबर को 650 बैग, 30 सितंबर को एक हजार बैग, सात अक्टूबर को 1400 बैग, नौ अक्टूबर को एक हजार बैग भी पहुंचे थे, जो सारा का सारा खाद किसानों में बांटा जा चुका है।

अब नहीं है खाद

सोसायटी कार्यालय पर अब डीएपी खाद उपलब्ध नहीं है। इसी कारण गेट को बंद कर कर्मचारी अपने अकाउंट्स का खाता तैयार करने में लग गए हैं। गेट पर डीएपी खाद नहीं है, इसका नोटिस भी लगा दिया गया है, ताकि किसान उस नोटिस को ही पढ़कर चले जाएं अन्यथा कार्यालय आने वाले हर किसान को वही रटा रटाया जवाब दे देकर कर्मचारी मानसिक रूप से परेशानी होने लग रहे हैं।

यह कहते हैं अकाउंटेंट

कोआप्रेटिव सोसायटी के अकाउंटेंट प्रविंद्र कुमार ने बताया कि 25 अक्टूबर को दो हजार बैग डीएपी खाद आया था, वह सारा का सारा अब तक बांट दिया गया है। फिलहाल उनके पास डीएपी खाद मौजूद नहीं है। भविष्य में जब भी खाद आएगा, किसानों को सूचित कर दिया जाएगा।